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कुछ खट्टे मीठे पल part-(०२)
कुछ समय बिता कुछ सपने बने ,
कुछ अरमा बने, दिल में तमन्ना पनपने लगी

उम्र छ साल बहुत शरारती आंखो में नमी ,प्यारा लिए सच ,झूठ व सही,गलत सबसे परे सबमें मगन थी।
वो बहुत खुश थी क्योंकि उसकी हिटलर मोसी की शादी होने वाली थी, उसे अपनी मोसी से प्यार भी था पर जब उसकी मोसी उसे गलती पर मारती या डांटती तो उसे बुरा लगता इसलिए वो खुश थी कि चलो एक मुसीबत तो कम हुईं। पर उसे ये मालूम ना था कि जिसको वो मुसीबत समझती हैं वो असल में उसकी सफलता की सबसे बड़ी सीढ़ी बनेंगी।

खैर छोड़िए , शादी के बाद वो मस्त हो गई, ना किसी का डर no tensión अब तो बस मनमानी करनी थीं कभी किसी से लड़ाई तो कभी किसी को पीटना । लेकिन उसे सुझाव देने में बहुत दिलचस्पी थी कभी किसी को तो कभी किसी को इतने में ही उसका एक सपना जन्म ले रहा था जो उसे मालूम ना था । धीरे - धीरे बड़े होने पर पता चलने लगा जाने कब उसकी वो पूरी लाइफ बन गया पता ही नहीं चला
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