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आज किसी काम से मैं अपनी स्कूटी से दोपहर के समय मोदीनगर जा रहा था उधर से काम से फारिग होने के बाद जैसे ही मैं ईसापुर गांव के करीब पहुंचा तो मेरी स्कूटी की रेस बेल्ट टूट गयी ,पर आसपास किसी भी मेकेनिक की दुकान भी नही थी मैं बहुत परेशान हो चुका था ,,तकरीबन 1 किलोमीटर चलने के बाद अल्लाह रब्बुल आल अमीन ने एक इंसान को फरिश्ते के रूप में मेरी मदद को भेजा ,वह फ़रिश्ता रूपी नोजवान मुस्लिम लड़का जिसका नाम Nazim Tyagi था,मोदीनगर के पास के ही गांव का रहने वाला था और मोदीनगर के गदाना कस्बे में हीरो बाइक के शोरूम पर मेकेनिक का काम करता था ,अब इस नोजवान लड़के ने मुझे पैदल चलते हुए देखा जो किसी ग्राहक की ऑनलाइन बाइक को डिलिवर करने हापुड़ जा रहा था ओर बोला कि भाई जी क्या हुआ कैसे पैदल चल रहे है आप ?मैंने जवाब दिया कि भाई जी मुझे अभी हापुड़ जाना है और मेरी स्कूटी की रेस बेल्ट टूट चुकी है ,पास में कोई स्कूटी का मेकेनिक है नही इसलिए पैदल ही अपने गंतव्य की तरफ जा रहा हूँ ,तो नोजवान बोला भाई जी आप स्कूटी पर बैठिए मैं आपकी स्कूटी को अपने पैर से धक्का देता हूँ ,बस आप बेलेंस बनाकर रखना ,मैं इससे पहले भी इसी तरह ऐसी स्थिति का सामना कर चुका था तब भी ऐसे ही एक फ़रिश्ता रूपी इंसान उस मौके पर आया और मेरी मदद की थी ,ओर आज फिर से अल्लाह रब्बुल आल अमीन ने मुझे मुश्किल में होते हुए देख एक ओर फ़रिश्ता मेरी मदद करने को भेजा ,मैं स्कूटी पर बैठ गया और अब इस नोजवान ने मेरी स्कूटी को धक्का देकर मेरा सफर आसान किया तकरीबन 22 किलोमीटर का सफर इस नोजवान ने मेरी स्कूटी के पीछे से पैर के सहारे से मुझे हापुड़ शहर तक आने में मेरी मदद की ।अभी ये नोजवान उस ऑनलाइन बाइक को डिलीवर करने के तुरन्त बाद ही मेरी तरफ आया और एक ऑटोमोबाइल की दुकान से स्कूटी की रेस बेल्ट खरीदकर मेरी स्कूटी को खोलकर उसमे रेस बेल्ट को डाला ,तब जाकर मेरी मुश्किल आसान हुई ।मैं तहे दिल से नाजिम भाई का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरी मदद की यहां तक कि खुद मेरी स्कूटी में अपने हाथो से रेस बेल्ट डालकर दी ।अल्लाह रब्बुल आल अमीन नाजिम भाई को दीन व दुनिया दोनो जहां की कामयाबी अता करें,इनकी उम्र में खैर ओ बरकत अता करे,इन्हें तमाम बुरी बलाओं से महफूज रखे, हमेशा अपनी रहमतो के साये नसीब फरमाए ,।अल्लाह का हुक्म है ,अगर हम किसी की मदद करेंगे बिना किसी स्वार्थ के तो इन्शा अल्लाह अल्लाह रब्बुल आल अमीन भी हमारी हर एक मदद ग़ैब से करेगा,हमारी हर एक मुश्किल को पल झपकते ही दूर कर देगा,अल्लाह रब्बुल आल अमीन हर मुस्लिम भाई को सभी की मदद करने वाला बनाये ,आमीन ,सुम्मा आमीन ।✍️Imran Ilahi
आज किसी काम से मैं अपनी स्कूटी से दोपहर के समय मोदीनगर जा रहा था उधर से काम से फारिग होने के बाद जैसे ही मैं ईसापुर गांव के करीब पहुंचा तो मेरी स्कूटी की रेस बेल्ट टूट गयी ,पर आसपास किसी भी मेकेनिक की दुकान भी नही थी मैं बहुत परेशान हो चुका था ,,तकरीबन 1 किलोमीटर चलने के बाद अल्लाह रब्बुल आल अमीन ने एक इंसान को फरिश्ते के रूप में मेरी मदद को भेजा ,
वह फ़रिश्ता रूपी नोजवान मुस्लिम लड़का जिसका नाम Nazim Tyagi था,मोदीनगर के पास के ही गांव का रहने वाला था और मोदीनगर के गदाना कस्बे में हीरो बाइक के शोरूम पर मेकेनिक का काम करता था ,अब इस नोजवान लड़के ने मुझे पैदल चलते हुए देखा जो किसी ग्राहक की ऑनलाइन बाइक को डिलिवर करने हापुड़ जा रहा था ओर बोला कि भाई जी क्या हुआ कैसे पैदल चल रहे है आप ?
मैंने जवाब दिया कि भाई जी मुझे अभी हापुड़ जाना है और मेरी स्कूटी की रेस बेल्ट टूट चुकी है ,पास में कोई स्कूटी का मेकेनिक है नही इसलिए पैदल ही अपने गंतव्य की तरफ जा रहा हूँ ,तो नोजवान बोला भाई जी आप स्कूटी पर बैठिए मैं आपकी स्कूटी को अपने पैर से धक्का देता हूँ ,बस आप बेलेंस बनाकर रखना ,मैं इससे पहले भी इसी तरह ऐसी स्थिति का सामना कर चुका था तब भी ऐसे ही एक फ़रिश्ता रूपी इंसान उस मौके पर आया और मेरी मदद की थी ,ओर आज फिर से अल्लाह रब्बुल आल अमीन ने मुझे मुश्किल में होते हुए देख एक ओर फ़रिश्ता मेरी मदद करने को भेजा ,
मैं स्कूटी पर बैठ गया और अब इस नोजवान ने मेरी स्कूटी को धक्का देकर मेरा सफर आसान किया तकरीबन 22 किलोमीटर का सफर इस नोजवान ने मेरी स्कूटी के पीछे से पैर के सहारे से मुझे हापुड़ शहर तक आने में मेरी मदद की ।
अभी ये नोजवान उस ऑनलाइन बाइक को डिलीवर करने के तुरन्त बाद ही मेरी तरफ आया और एक ऑटोमोबाइल की दुकान से स्कूटी की रेस बेल्ट खरीदकर मेरी स्कूटी को खोलकर उसमे रेस बेल्ट को डाला ,तब जाकर मेरी मुश्किल आसान हुई ।
मैं तहे दिल से नाजिम भाई का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरी मदद की यहां तक कि खुद मेरी स्कूटी में अपने हाथो से रेस बेल्ट डालकर दी ।
अल्लाह रब्बुल आल अमीन नाजिम भाई को दीन व दुनिया दोनो जहां की कामयाबी अता करें,इनकी उम्र में खैर ओ बरकत अता करे,इन्हें तमाम बुरी बलाओं से महफूज रखे, हमेशा अपनी रहमतो के साये नसीब फरमाए ,।
अल्लाह का हुक्म है ,अगर हम किसी की मदद करेंगे बिना किसी स्वार्थ के तो इन्शा अल्लाह
अल्लाह रब्बुल आल अमीन भी हमारी हर एक मदद ग़ैब से करेगा,
हमारी हर एक मुश्किल को पल झपकते ही दूर कर देगा,
अल्लाह रब्बुल आल अमीन हर मुस्लिम भाई को सभी की मदद करने वाला बनाये ,आमीन ,सुम्मा आमीन ।
✍️Imran Ilahi