...

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अमावस्या की रात
सालों की प्रथा को तुम इस तरीके से अपमान नहीं कर सकते बहुत बुरा पछताओगे मत करो ऐसा जो सालों से सोया हुआ है तुम क्यों उसे जगाना चाहते हो प्लिज़ मत करो ऐसा........!!!!!!!
ऐसा कह कर अवंतिका बागीचे से चली गई।
अनिकेत को समझ में नहीं आया की अवंतिका ने ऐसा क्यों कहा और अनिकेत भी अपने कमरे चला गया । अनिकेत अभी भी असमंजस में था की उसने क्यों बोला और वो दोबारा अवंतिका को उसके कमरे में मिलने को गया लेकिन अवंतिका अपने कमरे में नहीं थी वो घबराया.... उसने हर जगह देखा पर वो नहीं दिखी।
अचानक.....
अवंतिका की जोर से बचाओ बचाओ चिल्लाने की आवाज आती है अनिकेत सीढ़ियों की और भागता है छत पर पहुँचता है और देखते ही.....
अवंतिका छत की दीवार पर खड़ी अजीब तरह की धुन में है
अनिकेत अवंतिका को आवाज देता है अवंतिका.... अवंतिका क्या कर रही हो नीचे उतरो कहाँ खड़ी हो तुम तुम्हे पता भी है
तुम गिर जाओगी नीचे आओ.....
नीचे आओ अवंतिका
अवंतिका : तुम बीच में मत पड़ो तुम मारे जाओगे
अनिकेत : तुम पागल हो गई हो क्या बकवास कर रही हो
अवंतिका : अनिकेत को घूरते हुए
अनिकेत : गंगा जल छीड़कता है और अवंतिका बेहोश हो जाती है!
अनिकेत अवंतिका को नीचे लाता है और उसको सुला देता है और फिर बाद में खुद भी सो जाता है!
अगली सुबह....
अवंतिका अनिकेत को आवाज देते हुए कहती है अनिकेत.....
अनिकेत कहाँ हो मैंने चाय रखी हैं तुम्हारे लिए मैं...