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Dream (part 2)
Dream...
रिया जो फोटोग्राफर बनना चाहती है,
उसे उसके जन्मदिन पर पापा से कैमरा गिफ्ट मिल जाता है वो बहुत खुश थी आज मानो उसके पैर जमी पर ही ना रुक रहे हो हो भी क्यू ना बचपन से जो सपना वो देखती आयी थी उसके लिए उसको पहला कैमरा जो मिला था,

रिया की माँ उसके साथ हमेशा रही इसलिए पहली तस्वीर वो अपनी माँ की लेती है,और फिर वो निकल जाती है अपनी फोटोग्राफी के लिए पुरे गांव मे वो हर तरह की तस्वीरे लेती है हरे-भरे खेत, पेड़-पौधे, जानवर पानी मौसम के हर रंग लोगो की जीवनशैली को वो अपने कैमरे मे कैद कर रही थी
कुछ दिन ऐसे ही बीतते चले गये!
एक दिन उसके स्कूल मे बेस्ट फोटोग्राफर की खोज के लिए दिल्ली से एक टीम आयी जिसने रिया के स्कूल मे फोटोग्राफी की प्रतियोगिता रखी जिसमे आस पास के गांव के स्कूलों के भी स्टूडेंट्स ने भाग लिया रिया के दोस्त भी उससे कहते है पर वो थोड़ा डरती है की घर पर कहेगी तो मना कर देंगे क्यूकी उसकी माँ अक्सर उसे कहती रहती थी की घर पर इसकी इज़ाज़त नहीं है बेटा....

पर रिया क्या करती घर पर माँ से कहती है माँ मना कर देती है नहीं लेना है कही भी भाग पापा को पता चला तो कैमरा भी वापस ले लेंगे!
रिया को कुछ समझ नई आ रहा था क्या करें रात भर उसे नींद नई आती सुबह स्कूल जाते ही वो प्रतियोगिता के लिए अपना नाम दर्ज करा देती है घर पर बिना किसी को बताये...
अब दिन रात वो फोटोग्राफी के सपने और नए तरीको से फोटो लेने लगी उसकी लिए तस्वीरे देख कर लगता मानो की वो दृश्य आँखों के सामने ही हो...
इधर रिया के पापा उसके लिए लड़का देख रहे थे और जिस दिन रिया को फोटो सबमिट करना था उसी दिन उसके पापा उससे कहते है रिया बेटी तुम आज स्कूल मत जाना आज लडका तम्हे देखने आ रहा है शादी के लिए ये सुन के रिया के होस उड़ जाते है उसे कुछ समझ नई आता वो पापा को कैसे मना करें...
वो बहुत परेशान हो जाती है, माँ रिया का हाल देख कर पूछती है तब वो बताती है माँ मैंने प्रतियोगिता मे भाग ले लिया था और
आज आखरी दिन है फोटोज को सबमिट करने का मेरी मेहनत मेरा सपना सब दाव पर लगा है माँ मै क्या करू, माँ उसे बहुत समझाती है की तू ये सब छोड़ दे तुझे टूटे सपने और दर्द के सिवा कुछ नई मिलेगा बेटा पर रिया कुछ सुनने को तैयार नई थी वो जाने की ज़िद करने लगती है !
माँ के लाख समझाने के बाद भी रिया मानने को तैयार नई थी तब उसकी माँ उसे अपनी घर की इज़्ज़त का वास्ता और अपनी कसम दे देती है, रिया टूट जाती है क्यूकी उसे लगता है उसकी माँ भी उसे नई समझ रही उसके सपने को तोड़ रही.......
ये ही वो चांस था जो उसको उसके सपने को पूरा कर सकता था पर अब वो भी चला गया आज फिर एक बेटी को अपने घर की इज़्ज़त की खातिर अपने सपनो का गला घोटना पड़ा..... रिया की शादी तय हो जाती है और देखते ही देखते उसकी शादी भी हो जाती है,
ससुराल जाते ही उसे एक खत आता है ये क्या रिया देखते ही खुशी से झूम उठती है उसे यकीन नई हो रहा था ये कैसे हो गया....
ये खत उस फोटोग्राफी प्रतियोगिता का रिजल्ट था जिसमे रिया को बेस्ट फोटोग्राफर सेलेक्ट किया गया था और उसे दिल्ली फोटोग्राफी के लिए बुलाया गया है...
रिया सोच ही रही थी की ये कैसे उसने तो फोटोज तो सबमिट ही नई किये थे फिर.....
तभी उसकी माँ उसके सामने आ जाती है वो बहुत खुश थी रिया को खुश और उसका सपना पूरा होते देख कर !
रिया की नज़रे माँ से हज़ारो सवाल कर रही थी...
माँ ने बताया बेटा उस दिन कसम देकर तुझे तो रोक लिया पर बचपन से तेरे सपने को देखते सुनते कब वो मेरी ख्वाहिश बन गया पता ही नई चला, इसलिए मैंने तेरे दोस्तों के ज़रिए तेरे फोटोज सबमिट करवा दिए थे और तेरे पति को भी सब बता दिया था जब वो तुझे देखने आया था और उसे कोई एतराज़ नई था तेरे सपने से इसलिए मैंने प्रतियोगिता मे तेरे ससुराल का पता ही डाला था.. !
रिया अपनी माँ को कितना गलत समझ बैठी थी उसकी आँखों मे आंसू आ जाते है और वो माँ को गले लगा लेती है और अपने पति का आभार व्यक्त करती है,
पति रिया को कहता है तुम्हे पूरा हक है अपने सपने को पूरा करने का और मेरा फ़र्ज़ है तुमको तुम्हारे सपने तक ले जाने और साथ देने का रिया सुनते ही अपने पति के गले से लग जाती है!

अगले ही दिन वो दोनों दिल्ली के लिए निकल जाते है जहाँ रिया एक बेस्ट फोटोग्राफर बन कर अपने सपने को साकार करती है और अपने घर गांव की बेबुनियादी रीत को तोड़ती है की लड़कियां कोई सपना कुछ बनने का कुछ करने का नहीं देख, कर सकती.....
"दोस्तों जहाँ चाह होती है वहाँ राह अपने आप आपको मिल जाती है बस हर हाल मे अपनी चाह ना छोड़िये.... "