...

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तलाश...🙂
मीलों सफ़र तय करने के बाद कोई फ़िर से शुरू नहीं करना चाहता । हर कोई चाहता है कि एक ही शख्स के साथ बुढ़ापे की बची-खुची उम्र गुजारे । आप बस ख़ुद को भ्रम में रखना चाहते हैं कि आप उसे याद नहीं करना चाहते ..।

भागने से कोई भी छूट नहीं जाता , वो औऱ भी आपके क़रीब आता है , यादें खींचती हैं और भागना ही क्यूँ ?
किस लिए भागना ? याद आना बुरी बात थोड़े है , अग़र एक इंसान की याद ही आपको पुश करे तो इससे बेहतर क्या होगा । किसी के चले जाने से चीज़ें बदल जाती है , आपको उसकी आदत लगी रहती है , वो जो स्पेस उसका होता है खाली हो जाता है , वहाँ भरने के लिए सब अपने-अपने हिसाब से चीज़ें करता है ।

लेक़िन कोई ये कहे कि वो सब भूल जाता है , तो साहब आदमी अपनी आख़री साँस तक जिंदगी का हर वो पन्ना याद रखता है जिसपर किसी और की प्यार की स्याही से अफ़साने लिखे जाते हैं , भूलने जैसा कुछ नहीं होता है..
जहाँ तक मैंने महसूस किया है..!!

#शुभ_रात्रि🙏🥀
© Rising_लेखक