...

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सब्र का इम्तिहान
....बेटियों में था साहस भरा,
....जालिम दुनिया के इम्तिहान ने
.... उनका जीवन भी छीन लिया।

(परायाधन 2) ...

निशा ने मग्नी तोड़ अपने माँ बाप को सहारा दिया।अपनी पढ़ाई उसने जारी रखने का निर्णय लिया।निशा के माँ-बाप ने सोचा बेटी को आगे पढ़ा कर अपने सपनें पुरा करने का मौका दिया जाए ।निशा भी उनके निर्णय से सहमत थी।
निशा सब कुछ भुल अपना जीवन जीना चाहती थी ।पर जालिम दुनिया के लोग उस पर ऊँगली उठाने लगे ,उसे भला बुरा कहने लगे । मग्नी तूट ने से निशा को बदनाम करने लगे ।पर निशा ने हार नही मानी ।वह आगे बढ़ती रही ।
निशा की शादी के लिए उसके माता पिता रिश्ते खोज रहे थे ।पर निडर स्वभाव
के कारण रिश्ता हो नही पा रहा था ।माँ की तबियत दिन पर दिन बिघड रही थी ।
निशा के मामा उसका रिश्ता तय कर आए।माँ के तबियत के कारण निशा बिना लड़के को देखें ही शादी के लिए तैयार हो गई।उसके माता-पिता भी रिश्ते से खुश थे ।और शादी की तैयारी सुरु हो गई।

...to be continued

@piyu#motivation #