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कहानी मेरी प्रेशर कुकर तुम्हारी सायकिल
*कहानी: "मेरा प्रेशर कुकर तुम्हारी साइकिल"*

"मम्मी अगले सप्ताह तुम्हारी मैरेज एनिवर्सरी है.पच्चीसवीं सालगिरह.मुझे पता है कि तुम्हे तो बिल्कुल भी याद नही होगा.घर खर्चे  के साथ अलग से पैसे भेज रही हूं.अपने पसन्द की प्यारी सी साड़ी ले लेना.वो पुरानी चप्पल कब तक पहनोगी? कीमत जो भी हो पर  किसी अच्छे शॉप में जाकर ब्रांडेड और आरामदायक सेंडल देख लो.पापा को उनके मनपसन्द कलर की बंडी दिलवा देना.उनके चश्मे का फ्रेम मुझे बिल्कुल पसंद नही है.एकदम ओल्ड मॉडल है.नए फैशन वाले फ्रेम में चश्मा बनवा लेने बोलना."

सुबह सुबह मधुरा बिटिया का वाट्सअप मैसेज देख सुलोचना देवी के चेहरे पर भावपूर्ण मुस्कान आ गयी थी.

गार्ड की नोकरी करने वाले पति मनोहर की छोटी सी तनख्वाह के बावजूद सुलोचना देवी ने एकलौती बेटी मधुरा की पढ़ाई लिखाई में कभी कोई कमी नही होने दी थी.अब मधुरा शहर में पढ़ाई के साथ साथ कोचिंग क्लास में पढ़ाने का काम भी कर रही थी.

सुलोचना देवी गार्ड के रूप में पति मनोहर को रात दिन लोगो...