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निक्कू volume 2. part 1
वक़्त बदल चुका था हम अपने घर मे आ चुके थे नई जगह नया घर और सायद नया माहौल भी सब कुछ बदल चुका था,वो छात्रावास की जिंदगी जहा हम बंदिश मैं थे और ये नई जिंदगी जहा हम आजाद थे उन परिंदो की तरह जिसके किसी बात का कोई फिक्र नही होती है वेसे हम भी थे
बहोत दिनों बाद हम घर से आ गए थे और सब लगभग आ ही गए थे एक परम्पराओं सी हो गयी थी कि जो देर से पहुचेगा वो चाय पिलायेगा तो मैं ओर हरेलाल पहले ही आ गए थे और ज्ञानी मतलब कृष्णा प्यार से हम लोग उसे ज्ञानी बुलाते थे,तो ज्ञानी,अमन ओर राकेश ये लोग बाद मैं आये और राकेश तो ठहरा आलसी आने के बाद भी कितनो दिनों तक वो कॉलेज नही गया,ओर मैं कृष्णा एक दिन कॉलेज गए पर कृष्णा अपना प्रयोगशाला कोट भूल गया था और सर उसे निकाल दिए बोले द्वार के बाहर जाओ,मैं ले गया था पर दोस्त बाहर रहे और मैं क्लास मैं, मुझे अच्छा नही लगा और मैं भी सर को बोला कि मैं भी नही लाया और मुझे भी...