मेरी कहानी , मेरी जुबानी
हैलो दोस्तो आज आपको खुद की कहानी
सुनाने जा रही हूं , और मैंने क्यो? लिखने
का रास्ता चुना ये भी बताने जा रही हूं।
पता है जब मैं एक साल की थी तब ही मैंने
अपनी मां को खो दिया , मां का प्यार ,दुलार
और डांट क्या? होती है ये जानने का मुझे मौका ही नही
मिला...…...
हम तीन बहने है , मै सबसे छोटी हूं हमारा कोई भाई नहीं जब से मैं समझदार हुई
पापा को काम से घर और घर से काम
आते जाते देखा , पूरे मोहल्ले में वो सब
का हाल चाल पूछते सब से बैठकर
बाते करते लेकिन कभी अपने बच्चो से
उनका हाल चाल पूछना...
सुनाने जा रही हूं , और मैंने क्यो? लिखने
का रास्ता चुना ये भी बताने जा रही हूं।
पता है जब मैं एक साल की थी तब ही मैंने
अपनी मां को खो दिया , मां का प्यार ,दुलार
और डांट क्या? होती है ये जानने का मुझे मौका ही नही
मिला...…...
हम तीन बहने है , मै सबसे छोटी हूं हमारा कोई भाई नहीं जब से मैं समझदार हुई
पापा को काम से घर और घर से काम
आते जाते देखा , पूरे मोहल्ले में वो सब
का हाल चाल पूछते सब से बैठकर
बाते करते लेकिन कभी अपने बच्चो से
उनका हाल चाल पूछना...