बड़ी हवेली (नाइट इन लंदन-3)
अपने घर पहुँचते ही, अरुण सबसे पहले अपने पड़ोस के उन कस्टम अधिकारी के घर पहुंचा, उन्हें सारी कहानी समझाई बगैर इसके कि उस ताबूत में कमांडर की लाश है जो ज़िंदा हो जाती है, उन्हे केवल इतना ही बताया गया कि ये प्राचीन लाश डॉक्टर ज़ाकिर के पास लंदन रिसर्च के लिए पहुंचानी है। वो नेक कस्टम अधिकारी उसकी सहायता के लिए तैयार हो गए। अरुण ने अपने घर जाते ही सबसे पहले ये ख़ुश खबरी तन्नू को दी और उसे अगली सुबह अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया।
तनवीर अगले दिन सुबह ही अरुण के घर पहुँचा, वहाँ से दोनों उस कस्टम अधिकारी के यहाँ गए, उन्होंने दोनों का स्वागत किया और उन्हें समझा कर कहा "देखो मैंने अपने कुछ साथियों से बात की है इस मामले में, वो अपने साथ तुम दोनों को ले जाने को तैयार हो गए हैं, समुद्री रास्ता काफ़ी लंबा होगा और वह जहाज पर लदे समान को कई जगह उतारते हुए लंदन पहुंचेंगे, पोर्ट ऑफ बॉम्बे से यात्रा शुरू होगी, लंदन की दूरी 7059 नॉटिकल माइल्स है, जिसे Arabian sea, Gulf of Aden, Red sea, Gulf of Suez, Suez canal river, Suez canal, Ismailiya Canal river, Nile river, Damietta branch river, Mediterranean sea, Alboran sea, Strait of Gibraltar, North Atlantic Ocean, Bay of Biscay, English Channel, North sea, Thames river से होते हुए London पोर्ट तक की दूरी तय करना पड़ेगा, अगर तुम दोनों तैयार हो तो हफ़्ते भर बाद ही मेरा एक मित्र जहाज लेकर निकलेगा, मैंने उससे तुम दोनों का ज़िक्र किया है, बस तुम दोनों को समय पर बॉम्बे पोर्ट पहुँचना पड़ेगा, उसका नाम कैप्टन विक्रम प्रजापति है, पैसों की बातचीत उसी से कर लेना मैं तुम्हें उसका नंबर लिख कर देता हूँ ", एक काग़ज़ पर नंबर लिख उन दोनों को देते हुए कहते हैं" तीन दिन बाद वही जहाज हिन्दुस्तान के लिए वापसी करेगा, तो तुम दोनों के पास बस तीन दिन हैं अपना काम खत्म करने के लिए, पास पोर्ट अवश्य रख लेना बाकि रास्ते भर कोई तकलीफ नहीं होगी "।
तनवीर उस कस्टम अधिकारी से पर्चा लेते हुए हाथ मिलाता है और कहता है "आपका यह एहसान हम ज़िंदगी भर नहीं भूलेंगे, आज के दौर में अपनों के लिए भी कोई इतना रिस्क नहीं लेता और आप ने तो हम अनजान लोगों के लिए इतना बड़ा रिस्क लिया, लंदन तक अवैध तरीके से लाने ले जाने को तैयार हो गए, आपके हम सदैव अभारी रहेंगे, अगर हमारे पास इतना बड़ा एतिहासिक ताबूत न होता तो लंदन हवाई रास्ते आने जाने में इतनी...
तनवीर अगले दिन सुबह ही अरुण के घर पहुँचा, वहाँ से दोनों उस कस्टम अधिकारी के यहाँ गए, उन्होंने दोनों का स्वागत किया और उन्हें समझा कर कहा "देखो मैंने अपने कुछ साथियों से बात की है इस मामले में, वो अपने साथ तुम दोनों को ले जाने को तैयार हो गए हैं, समुद्री रास्ता काफ़ी लंबा होगा और वह जहाज पर लदे समान को कई जगह उतारते हुए लंदन पहुंचेंगे, पोर्ट ऑफ बॉम्बे से यात्रा शुरू होगी, लंदन की दूरी 7059 नॉटिकल माइल्स है, जिसे Arabian sea, Gulf of Aden, Red sea, Gulf of Suez, Suez canal river, Suez canal, Ismailiya Canal river, Nile river, Damietta branch river, Mediterranean sea, Alboran sea, Strait of Gibraltar, North Atlantic Ocean, Bay of Biscay, English Channel, North sea, Thames river से होते हुए London पोर्ट तक की दूरी तय करना पड़ेगा, अगर तुम दोनों तैयार हो तो हफ़्ते भर बाद ही मेरा एक मित्र जहाज लेकर निकलेगा, मैंने उससे तुम दोनों का ज़िक्र किया है, बस तुम दोनों को समय पर बॉम्बे पोर्ट पहुँचना पड़ेगा, उसका नाम कैप्टन विक्रम प्रजापति है, पैसों की बातचीत उसी से कर लेना मैं तुम्हें उसका नंबर लिख कर देता हूँ ", एक काग़ज़ पर नंबर लिख उन दोनों को देते हुए कहते हैं" तीन दिन बाद वही जहाज हिन्दुस्तान के लिए वापसी करेगा, तो तुम दोनों के पास बस तीन दिन हैं अपना काम खत्म करने के लिए, पास पोर्ट अवश्य रख लेना बाकि रास्ते भर कोई तकलीफ नहीं होगी "।
तनवीर उस कस्टम अधिकारी से पर्चा लेते हुए हाथ मिलाता है और कहता है "आपका यह एहसान हम ज़िंदगी भर नहीं भूलेंगे, आज के दौर में अपनों के लिए भी कोई इतना रिस्क नहीं लेता और आप ने तो हम अनजान लोगों के लिए इतना बड़ा रिस्क लिया, लंदन तक अवैध तरीके से लाने ले जाने को तैयार हो गए, आपके हम सदैव अभारी रहेंगे, अगर हमारे पास इतना बड़ा एतिहासिक ताबूत न होता तो लंदन हवाई रास्ते आने जाने में इतनी...