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मां 1
जीवन में मां शब्द एक ऐसा शब्द है जो हमारी जुबान पर आजीवन मरते दम तक रहता है।

क्योंकि मां शब्द अपने आप में एक अद्भुत व ममतामयी शब्द है।

वैसे मां तो इस संसार में अनेक है, जैसे - दुर्गा मां, धरती मां, ज्वाला मां, गौमाता, सीता मां इत्यादि।
परंतु अपने बच्चे को नौ महीने पेट में रखकर पालने वाली मां तो केवल एक ही है।

जिसकी बदौलत वह बच्चा जीवन के नौ माह तक उसकी कोख में सुरक्षित रहता है ।

वह सब उसी मां की देन है, जिससे वह आंतरिक बातें करता है।
तत्पश्चात वह जब बड़ा होने लगता है तथा दुध की बोतल पीने लग जाता है । तब भी उसकी देखभाल उसकी मां ही करती है। अपितु जब तक उसकी मां ही रक्षा करती है, जब तक कि उस मां की आखिरी सांस रूक ना जाए।


अतः यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, कि ये सब संसार, ये दुनिया सब एक मां शब्द पर ही टिकी है ।

क्योंकि मैं समझता हूं कि इस संसार में मां बिना कोई मानव अस्तित्व ही नहीं होता, यदि कोई मां नहीं होती तो।

मां बच्चे का पालन-पोषण करने वाली औरत केवल गृहिणी ही नहीं होती अपितु वह पहली गुरु भी है।
और इसी बात को हम भूल जाते है।