उम्मीद( लघु कथा)
#TheWritingProject
रूपा मेरट के, एक मध्यम वर्गीय परिवार की उच्च आदर्शों वाली लड़की है । अपने पिता का सर आज उसने गर्व से ऊंचा कर दिया है । परिवार की पहली लड़की जो डाक्टर बनी। यथा नाम तथा गुण, कहने को शाब्दिक है पर रूपा पर सही बैठता था । रूपा सादे कपड़े और बिना श्रृंगार के भी हमेशा अलंकृत लगती।
एक रोज उसकी माता ने पिता से कहा,"क्या जी,हमारी रूपा के हाथ पीले क्यो नही कराते, अब तो नौकरी भी करने लगी है। मैं तो कहती हुँ , जल्दी करो वरना आज कल के बच्चे अपनी पसंद से " रूपा की माँ बोल ही रही थी कि श्रीनाथ (रूपा के पिता) टोकते हुए बोले ,"हमारी बच्ची ऐसी नहीं है दामिनी, और रही वो लव मैरेज वाली बात, अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं उस शख्स से एक बार जरूर मिलूँगा , जो मेरी बेटी की पसंद का होगा। " रूपा की माँ यह सुनकर मुस्कुरा कर बोली, "बेटी से इतना लगाव ठीक नहीं, पराया धन है," । इनकी सारी बातें रूपा ने छुपकर सुन ली थी। दरअसल रूपा शाम की चाय देने आई थी , पर लव मैरेज वाली बात जब होने लगी,तो उसने अपने कदम रोक लिए, और वहीं परदे के पीछे से उनकी बातें सुनने लगी।...
रूपा मेरट के, एक मध्यम वर्गीय परिवार की उच्च आदर्शों वाली लड़की है । अपने पिता का सर आज उसने गर्व से ऊंचा कर दिया है । परिवार की पहली लड़की जो डाक्टर बनी। यथा नाम तथा गुण, कहने को शाब्दिक है पर रूपा पर सही बैठता था । रूपा सादे कपड़े और बिना श्रृंगार के भी हमेशा अलंकृत लगती।
एक रोज उसकी माता ने पिता से कहा,"क्या जी,हमारी रूपा के हाथ पीले क्यो नही कराते, अब तो नौकरी भी करने लगी है। मैं तो कहती हुँ , जल्दी करो वरना आज कल के बच्चे अपनी पसंद से " रूपा की माँ बोल ही रही थी कि श्रीनाथ (रूपा के पिता) टोकते हुए बोले ,"हमारी बच्ची ऐसी नहीं है दामिनी, और रही वो लव मैरेज वाली बात, अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं उस शख्स से एक बार जरूर मिलूँगा , जो मेरी बेटी की पसंद का होगा। " रूपा की माँ यह सुनकर मुस्कुरा कर बोली, "बेटी से इतना लगाव ठीक नहीं, पराया धन है," । इनकी सारी बातें रूपा ने छुपकर सुन ली थी। दरअसल रूपा शाम की चाय देने आई थी , पर लव मैरेज वाली बात जब होने लगी,तो उसने अपने कदम रोक लिए, और वहीं परदे के पीछे से उनकी बातें सुनने लगी।...