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परिवार
विजय एक कंपनी मे का मेनेजर है उसके परिवार मे मम्मी, पापा बीवी और उसकी छोटी बेटी0 है। वह ऑफिस सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक काम करता है विजय काफी पैसे वाला व्यक्ति है। उसकी माँ और पिताजी साल मे एक या दो ही बार उससे मिलने आते हैं वियज शहर मे रहता है अपनी बीवी बच्ची के साथ। उसकी शादी शहर मे काम करते वक्त बनी दोस्त से हो गई अब वह शहर मे ही रहते है। विजय अपने ऑफिस का काम कभी भी घर पर नही करता है वह ज्यादातर समय अपनी बेटी के साथ बीताता है । वह ऑफिस से भी जल्दी आ जाता है अपनी बेटी को बाहर घुमाने और उसके साथ खेलने के लिए। विजय को पता है जब वह छोटा तब उसके माँ और पिताजी उसे पढ़ाने के लिए दोनो ही घर से बाहर काम करते थे। जिसके कारण उसको अपने माँ और पिताजी का प्यार और समय कम ही मिल पाया है। वह अपने माँ और पिताजी के साथ समय बिताना चाहता था मगर काम की वजह से समय नही मिल पाया। इसलिए वह अपने जीवन का ज्यादा समय अपनी बेटी के साथ व्यतीत करता है । क्योकि उसे पता है उसे पिताजी की मजबुरी थी मगर वह बहुत पैसा वाला है । वह कभी कभी अपने पिताजी से मिलने गावं मे जाता ह अपनी बेटी को लेकर ताकि वह दादाजी दादी जी से उनके जीवन के अनुभव , कहानी संस्कार सीख सखे। उसके दादाजी बोलते जब परिवर और पैसे को चुनना पड़े तब परिवार को चुनना चाहिए क्योंकि पैसा हम अपने जीवन मे कभी भी कमा सकते है परंतु जब परिवार को हम खो देते है तब वह परिवार नही मिलता है । महत्व परिवार को होता है पैसे का नही । मुसीबत मे परिवार काम आता है पैसा तो सीर्फ जरूरते पुरी करता है परिवार ही हमारी सबसे बड़ी जरूरत होती है
© Verma Sahab