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अच्छे वाले बुरे
अच्छे वाले बुरे ___
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वो सर्दियों के ठिठुरते दिन ,वो पहले xam की धुली धुली सी साफ सुथरी सुबह, वो सहमी सहमी सी तुम
वो notes में उलझी उलझी सी तुम्हारी चितचोर आंखें_
तुम घबराई सी... दांतों तले रबर दबाए हाथों से अपनी चोटी बनाती हुई _ बगल में रखे नोट्स में उलझी हुई आंखों से परेशान सी ... सामने खड़े सैकड़ों चेहरों से अनजान सी _
और मैं बेफ़िक्री से तुम्हारी ओर निहारता हुआ _
_xam के घबराहट से कोसों दुर लड़का_ तुम्हारे करीब होकर, अपने दोस्त के कंधे पे अपने बाजुओं को पसारे हुए ये सोचता हुआ लड़का की _ "सुनो लड़की मेरी ओर देखो और आँखें बंद करके गहरी सांसें भरो और फिर मुझे देखते हुए निस्वाश में धीरे धीरे अपने सारे डर को बाहर निकाल फेंको... ये डर से फारिग होकर अपने चेहरे पे मुस्कान का श्रृंगार करो.. कहो तो मैं तुम्हें एक अपना पसंदीदा लतीफा सुनाऊं... फिर देखना तुम इतना हंस उठोगी की तुम्हारी आंखों से हल्की हल्की...