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Heart touching story of an old man and his son
एक दिन एक लड़का शाम के खाने के लिए अपने पिता के साथ एक रेस्तरां में गया। पिता बहुत बूढा और कमजोर था इसलिए खाना खाते समय थोडा खाना उसकी कमीज और पतलून पर गिरा गया। कुछ अन्य लोगों की उस वृद्ध पर नजर गयी। वे उसे नीची नजर से देखने लगे व मन ही मन घृणा करने लगे। जबकि उसका बेटा शांत था।

वह बिल्कुल शर्मिंदा नही था। वह पिता को वाशरूम में ले गया, खाद्य कणों को कपड़ो से साफ किया, दाग हटाया, बालों की कंघी की और चश्मा पहनाया। फिर जब वे बाहर आए, पूरा रेस्तरां अवाक् उन्हें देख रहा था, वो इस बात को पचा नहीं पा रहे थे और मन ही मन खुद को कोस रहे थे कि उन्होंने कैसे किसी को सार्वजनिक रूप से इस तरह से शर्मिंदा कर दिया। खैर, बेटे ने बिल दिया और अपने पिता के साथ बाहर निकलना शुरू कर दिया।
उसी समय, भीड़ के बीच एक बूढ़े आदमी ने बेटे को पुकार लगाई और उससे पूछा, "क्या आपको लगता है कि आपने पीछे कुछ छोड़ दिया है"।

बेटे ने कहा, "नहीं सर, मैंने कुछ नही छोड़ा"।

बूढ़े आदमी ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "हाँ, आपने छोड़ा है! आपने हर बेटे के लिए एक सबक छोड़ दिया और हर पिता के लिए उम्मीद।

फिर रेस्तरां में चुप्पी छा गयी।

Lesson/सीख

हमें सभी बुजुर्गो का सदा सम्मान व सेवा करनी चाहिए। उनका अपमान या उपहास तो भूल कर भी नहीं करना चाहिए। हमें ये बात सदा याद रखनी चाहिए कि बचपन में किस तरह से हमारी सेवा हमारे माता पिता करते थे, यही नहीं वो जवानी भी सदा हमारे साथ होतें हैं। अकसर देखने में आया है कि बड़ी बड़ी विपत्ति आने पर सारा संसार हमारा साथ छोड़ देता है, किन्तु माता पिता व घर के बुजुर्ग हमारी सहायता अवश्य करते हैं।
© Ram Charan