...

3 views

अफसोस
मेरी बिल्डिंग के २०वे फ्लोर पर मेरी दोस्त नैना रहती है।एक दिन वो अपनी बालकनी से करीब दो बजे के आस-पास कपड़े उतार रही थी कि उसने अपने सामने वाली बिल्डिंग से किसी को ऊपर से तेज़ी से गिरते हुए देखा उसे काटो तो खून नहीं वह थर-थर कांप रही थी। वह १५या १६का लड़का था।
हमारे व्हाट्स एप ग्रुप पर मैसेज आने शुरू हो गए कि क्या हुआ है।सब अपनी अपनी बातें बता रहे थे।
पुलिस आ गई थी।हास्पिटल ले जाया गया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी।
जब पता किया गया तो मालूम हुआ कि वह अपने मां बाप का इकलौता लड़का था।
वह १०वी की परीक्षा देकर घर आया तो मां ने पूछा कि बेटा पेपर कैसा हुआ? उसने बोला अच्छा नहीं हुआ है और अब आप इस बारे में कुछ भी नहीं पूछना। वहीं उसके पापा बैठे हुए थे उन्होंने उसे मां से इस प्रकार बात करने पर डांटा कि मां से इस तरह बात करते हैं।पूछ लिया तो क्या हुआ तुम लोग पढ़ते हो नहीं फिर मां बाप पर गुस्सा उतारते हो तुम्हारी पढ़ाई पर इतना खर्च कर रहे हैं और तुम इस प्रकार बात कर रहे हो।
बेटे ने बोला पापा अब आप कुछ मत बोलिए वरना मैं अभी यहीं से कूद जाउंगा। अच्छा ,पिता को और गुस्सा आ गया, आज कल के औलाद जो है ना ब्लैक मेल करना सीख गए हैं कुछ कह दो तो सीधे धमकी देते हैं चल जा कूद के दिखा।
बस फिर क्या था कूद गया।
अब पिता के पास अफसोस के अलावा कुछ नहीं है। बेचारे दिन- रात यहीं सोचते हैं कि काश मैं चुप हो जाता।
कयी सवाल उठते हैं?
ग़लत कौन?