jab mai chota bacha tha
जब मैं छोटा बच्चा था
जब मैं छोटा बच्चा था
मन का नया सच्चा था
मुंह से झूठ ही बोलता था
नंगा मैं नहाता था
किसी से नहीं शरमाता था
फैशन की तरफ ध्यान नहीं देता था
कपड़े उतार कर फेंक देता था
मोहल्ले में नंगा...
जब मैं छोटा बच्चा था
मन का नया सच्चा था
मुंह से झूठ ही बोलता था
नंगा मैं नहाता था
किसी से नहीं शरमाता था
फैशन की तरफ ध्यान नहीं देता था
कपड़े उतार कर फेंक देता था
मोहल्ले में नंगा...