वो आँख भीगी भीगी…
वो आँख भीगी भीगी…
अभी पेशानी से पसीना टपका ही था कि उन्होंने फिर आवाज़ लगा दी “ रामू , अरे ओ रामू …कहाँ रह गए भाई, अभी ये दीवान भी तो सरकाना है”।
आया मालिक…कहते हुए रामू ने दालान से कमरे की ओर दौड़ लगा दी।
आज रामू की बेटी की शादी थी और मालिक थे कि रामू को यहाँ वहाँ दौड़ा रहे थे…मानो रामू कोई उम्रदराज़ ना होकर जवान लौंडा हो। रामू पर मालिक के अनगिनत अहसान थे जिनके चलते रामू उन्हें किसी भी काम की मना नहीं कर पाता था।
“अरे भाई अब खड़े भी रहोगे या कुछ काम भी करोगे…रामू तुम दिन व दिन कामचौर होते जा रहे हो “ मालिक ने ज़रा तल्ख़ लहजे में कहते हुए...
अभी पेशानी से पसीना टपका ही था कि उन्होंने फिर आवाज़ लगा दी “ रामू , अरे ओ रामू …कहाँ रह गए भाई, अभी ये दीवान भी तो सरकाना है”।
आया मालिक…कहते हुए रामू ने दालान से कमरे की ओर दौड़ लगा दी।
आज रामू की बेटी की शादी थी और मालिक थे कि रामू को यहाँ वहाँ दौड़ा रहे थे…मानो रामू कोई उम्रदराज़ ना होकर जवान लौंडा हो। रामू पर मालिक के अनगिनत अहसान थे जिनके चलते रामू उन्हें किसी भी काम की मना नहीं कर पाता था।
“अरे भाई अब खड़े भी रहोगे या कुछ काम भी करोगे…रामू तुम दिन व दिन कामचौर होते जा रहे हो “ मालिक ने ज़रा तल्ख़ लहजे में कहते हुए...