मुसन्निफ
लिख रहे थे कलम
वह बस प्रबुद्ध था
समय से थोड़ा आगे
शायद बुद्ध था
कुछ बह रही थी उसकी ,
सोच में कहीं
वह उन्हीं धाराओं में ,
लगा मुग्ध सा
...
वह बस प्रबुद्ध था
समय से थोड़ा आगे
शायद बुद्ध था
कुछ बह रही थी उसकी ,
सोच में कहीं
वह उन्हीं धाराओं में ,
लगा मुग्ध सा
...