खामोशी का साथी
शहर की भीड़ में भी वह हमेशा अकेला महसूस करता था। नाम तो उसका अनमोल था, लेकिन उसकी जिंदगी उसे हमेशा बेमोल लगती थी। किताबें, कॉफी, सिगरेट और एक पुरानी डायरी – यही उसका संसार था। जब दुनिया सो जाती, तब वह अपनी रातों को जिंदा करता।
उस रात भी वह खिड़की के पास बैठा था। बाहर बारिश हो रही थी, और अंदर उसके दिल में भी एक तूफान मचल रहा था। उसकी डायरी खुली हुई थी, और सिगरेट का धुआं कमरे में एक...
उस रात भी वह खिड़की के पास बैठा था। बाहर बारिश हो रही थी, और अंदर उसके दिल में भी एक तूफान मचल रहा था। उसकी डायरी खुली हुई थी, और सिगरेट का धुआं कमरे में एक...