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कैसे हो,रूरा! (chapter 1)
महत्वपूर्ण निर्देश :- इस कहानी का उद्देश्य किसी को भी दुख पहुंचाने का नहीं है।ये बस मेरे एक सपने पर आधारित एक कहानी है,जिसे मैंने अपने विचारों से पूरा किया है।( ये मेरे द्वारा ही पूरा बनाया गया है।)

वो हमेशा की तरह एक सुंदर दिन था।चिड़िया, गाड़ी और लोग अपने- अपने काम में लगे थे।हमारा रवि यही रोज के दिन को देख कह रहा था," कुछ अलग होता ही नहीं है,सब वहीं है ।" रवि और उसका परिवार एक मेले में घूमने आए होते हैं।रवि पेड़ों पर चढ़ना पसंद करता है।ऐसे ही वो एक पेड़ पर चढ़ जाता है।पर उसे एहसास होता है,उसी के सामने वाले पेड़ पर एक साँप है, वो डर जाता है,उसे देख,उसे लगता है,क्या पता इस पेड़ पर भी हो।वो वहाँ से उतर जाता है जितना जल्दी हो सके।

वो नीचे उतर अपने परिवार को आगे चलने का कह कर पानी पीने चला जाता है।वो वहाँ पानी पी ही रहा होता है,तब ही एक बुढ़िया माता जी भी रवि से पानी मांगती है।तो रवि कहता है,"ये लीजिए,माँ"।बुढ़ि माँ वही बैठ पानी पीती है।

तब ही वहाँ रवि आसमान में एक काली सी चीज को उड़ते हुए देखता है।रवि कहता है,"अब मजा आएगा,कुछ नया होगा"।तब रवि देखता है कि काली-सी चीज एक प्रकार की ऊर्जा है,जो उस औरत से निकल रही है,वो अपने हाथों से ही सब काबू कर पा रही है,उड़ पा रही हैं,उनके पास ताकतवर शक्तियाँ है।

वो औरत एक बैंक के ताले को अपने काबू की शक्ति से खोल देती है।वो लुटने जा रही होती हैं,तब ही रवि की बहन जो की वही मौजूद होती है,वो उस औरत को आवाज लगाती है ।और कहती हैं,"तुम ऐसा क्यों कर रही हो?"।औरत कहती है,"ऐसे ही"।

तब ही एक आदमी उस औरत पर पीछे से वार कर,उसे मार डालता है।ठिक इसी समय,उस औरत का पति भी,वहाँ अपनी पत्नी की,इस हालात को देख बहुत बड़े सदमे में चला जाता है।वो बहुत दर्द के साथ रो रहा होता है।तब एक और दूसरा आदमी ने उस औरत के पति की तरफ वार कर,उसे भी मार दिया।पुलिस वालो ने उन में से एक आदमी को पकड़ लिया,लेकिन एक आदमी उन दोनो मरे हुए पति-पत्नी को एक गाड़ी में ले भागा।
© RK_become your real hero