वो।।
दिलकशी जुबान पर
वो अदाएं मेहताब रखते हैं,
कुछ भी कहे आप जनाब
वो हमें संभाल रखते हैं।
ना नजर से
ना अदाओं से,
पर एक कमान रखते हैं
अब क्या कहें जनाब,
वो तो घायल हजार रखते हैं।
संभलते नहीं खुद से
वो ऐसे शौक पाल रखते हैं,
अब क्या कहें जनाब
वह दिलकशी का आलम कमाल रखते हैं।
© Tulikawrites
वो अदाएं मेहताब रखते हैं,
कुछ भी कहे आप जनाब
वो हमें संभाल रखते हैं।
ना नजर से
ना अदाओं से,
पर एक कमान रखते हैं
अब क्या कहें जनाब,
वो तो घायल हजार रखते हैं।
संभलते नहीं खुद से
वो ऐसे शौक पाल रखते हैं,
अब क्या कहें जनाब
वह दिलकशी का आलम कमाल रखते हैं।
© Tulikawrites
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