ये तेरी-मेरी दोस्ती!
मैं जब पढ़ती हूँ किताबों में दोस्ती की कहानी तो मन विचलित हो उठता है कि कैसे कोई दो अनजान मनुष्य इतनी गहरे अनुभव को इतनी विनम्रता से सहज कर रखतें हैं।
आज दोस्ती केवल पन्नों पर देखने को...
आज दोस्ती केवल पन्नों पर देखने को...