एक मुलाकात (भाग 2)
उसने यहांँ-वहाँ देखा पर कोई नहीं दिखा। उसने धीमी आवाज में पूछा -"कोई है यहांँ?" उत्तर में केवल एक सन्नाटा ही आया। आत्माओं में वो विश्वास नहीं रखता था, इसलिए वो वापस अपनी किताब पढ़ने बैठ गया।थोड़ी देर बाद विपिन वापस अपने कमरे में सोने चला गया।
विपिन रोज़ रात को लाइब्रेरी में जाता, और रोज ही उसे किसी में होने की आहट आती, पर कोई दिखाई नहीं देता। ये बात उसे अब परेशान करने लगी। एक दिन उसने तय किया कि आज तो पता लगाकर ही रहेगा कि वहाँ है क्या?
रात हुई तो...
विपिन रोज़ रात को लाइब्रेरी में जाता, और रोज ही उसे किसी में होने की आहट आती, पर कोई दिखाई नहीं देता। ये बात उसे अब परेशान करने लगी। एक दिन उसने तय किया कि आज तो पता लगाकर ही रहेगा कि वहाँ है क्या?
रात हुई तो...