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दुर्योधन का शरीर कैसे बना वज्र का?
महाभारत के अंतिम पल में जब भीम और दुर्योधन के बीच निर्णायक युद्ध चल रहा था तब भीम की अनगिनत कोशिशों के बावजूद दुर्योधन के शरीर को कोई भी हानि नहीं पहुंच रही थी। भीम द्वारा दुर्योधन के शरीर पर गदा से बार बार प्रहार करने के बावजूद दुर्योधन का शरीर जस का तस बना हुआ था। इसका कारण ये था कि दुर्योधन के शरीर के कमर से ऊपर का हिस्सा वज्र की भांति मजबूत था।

जब भीम दुर्योधन को किसी भी प्रकार हरा नहीं पा रहे थे तब भगवान श्रीकृष्ण द्वारा निर्देशित किए जाने पर युद्ध की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए छल द्वारा भीम ने दुर्योधन की जांघ पर प्रहार किया जिस कारण दुर्योधन घायल हो गिर पड़ा और अंततोगत्वा उसकी मृत्यु हो गई। प्रश्न ये उठता है कि आम मानव का शरीर तो वज्र का बना नहीं होता , फिर दुर्योधन का शरीर वज्र का कैसे बन गया था? उसका शरीर वज्रधारी किस प्रकार बना?

आम किदवंती है कि जब महाभारत का युद्ध अपने अंतिम दौर में चल रहा था और कौरवों में केवल दुर्योधन हीं बच गया था तब कौरवों की माता गांधारी ने अपने बचे हुए एकमात्र पुत्र दुर्योधन की जान बचाने के लिए उससे कहा वो उनके सामने निर्वस्त्र होकर आ जाये।

किदवंती ये कहती हैं की दुर्योधन की माता गांधारी सत्यवती नारी थी। जब उनको ये ज्ञात हुआ कि उनके पति घृतराष्ट्र अंधे हैं, तो उन्होंने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध लिया।

उनकी सतित्त्व के कारण उनकी आंखों में दिव्य शक्ति आ गई थी। उनकी आंखों में इतनी ऊर्जा समाई हुई थी कि उनकी दृष्टि जिसपर भी पड़ती, वो वज्र की भांति मजबूत हो जाता। माता गांधारी अपनी इसी दिव्य शक्ति का उपयोग कर दुर्योधन का शरीर वज्र का बनाना चाहती थी।

इसी उद्देश्य से माता गांधारी ने दुर्योधन को अपने सामने पूर्ण रूप से निर्वस्त्र होकर आने को कहा था ताकि दुर्योधन का शरीर पूर्ण रूप से वज्र की तरह मजबूत हो जाए और उसपर किसी भी भांति के अस्त्रों या शस्त्रों का प्रभाव न हो सके।

ऐसा माना जाता है की अपनी माता की बात मानकर दुर्योधन नग्न अवस्था में हीं अपनी माता गांधारी से मिलने चल पड़ा था। परन्तु मार्ग में ही दुर्योधन की मुलाकात श्रीकृष्ण से हुई। श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के साथ इस तरीके से मजाक किया कि दुर्योधन पूर्ण नग्न अवस्था में अपनी माता के पास नहीं जा सका।

ऐसा कहा जाता है कि जब अपनी माता की आज्ञानुसार दुर्योधन जा रहा था तो भगवान श्रीकृष्ण ने उसे रास्ते में हीं रोक लिया और दुर्योधन से मजाक करते हुए कहा कि माता गांधारी के पास इस तरह नग्न अवस्था में मिलने क्यों जा रहे हो ? तुम कोई छोटे से बच्चे तो हो नहीं, फिर इस तरह का व्यवहार क्यों?

जब दुर्योधन ने पूरी बात बताई तब श्रीकृष्ण जी ने उसको अपने कमर के निचले हिस्से को पत्तों से ढक लेने के लिए कहा । इससे माता की आज्ञा का पालन भी हो जाएगा और...