बंटवारा
बंटवारा...
अभी पिता को गुजरे तीन दिन ही हुये मगर फिर एक गंभीर समस्या.. इसलिये घर पर एक बैठक लगी, पड़ोस के कुछ प्रतिष्ठित लोग भी जमा हुये..मुद्दा ये था कि पिता के गुजर जाने के बाद अब माँ को आखिर कौन रखे. चार पुत्रों की जननी.. एक फैसले का इंतजार कर रही है. वो चारों पुत्र जो अब अपने अपने अलग अलग घरों में अपने बीबी बच्चों के साथ रहते हैं
आज चारों पुत्रों और पुत्रवधुओं में रामायण के राम लखन भरत शत्रुघन और उनकी अर्धांगियों के दर्शन बैठक में आये सभी जन कर रहे हैं..
आज बहुत तर्क वितर्क हो रहे थे माँ को अपने पास रखने के लिये ये, कोई ज्येष्ठाधिकार की बात कहकर माँ को...
अभी पिता को गुजरे तीन दिन ही हुये मगर फिर एक गंभीर समस्या.. इसलिये घर पर एक बैठक लगी, पड़ोस के कुछ प्रतिष्ठित लोग भी जमा हुये..मुद्दा ये था कि पिता के गुजर जाने के बाद अब माँ को आखिर कौन रखे. चार पुत्रों की जननी.. एक फैसले का इंतजार कर रही है. वो चारों पुत्र जो अब अपने अपने अलग अलग घरों में अपने बीबी बच्चों के साथ रहते हैं
आज चारों पुत्रों और पुत्रवधुओं में रामायण के राम लखन भरत शत्रुघन और उनकी अर्धांगियों के दर्शन बैठक में आये सभी जन कर रहे हैं..
आज बहुत तर्क वितर्क हो रहे थे माँ को अपने पास रखने के लिये ये, कोई ज्येष्ठाधिकार की बात कहकर माँ को...