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भाग-2 मुझ से पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न मॉंग


यश को संजना से फेसबुक पर बातें करना अच्छा लगने लगा था। संजना बेहद अच्छे स्वभाव की लड़की थी, औरों से अलग, उसमें ईगो बिल्कुल भी नहीं था और उसका सैंस ऑफ ह्यूमर भी कमाल था। जैसे जैसे वक्त बीता दोनों एक दूसरे से और भी फ्रैंक होते गए। दोनों की दोस्ती ऐसी थी जिसमें वो एक दूसरे से सब कुछ शेयर कर लेते, एक दूसरे को जो जी में आया कह देते।

लेकिन ये बातें सिर्फ फेसबुक तक ही सीमित थी। वो दोनों क्लास में एक दूसरे से बिल्कुल भी बात नहीं करते। छोटे शहरों में लड़के-लड़कियों के आपस में बात करने का एक ही मतलब निकाला जाता था, इसी कारण यश ने चाह कर भी कोशिश नहीं की।

वक्त बीता और वे दोनों, फ्रेंड्स से बैस्ट-फ्रेंड्स बन गये। बातें अभी भी फेसबुक पर ही होती थीं, पर अब...