Hindi Story "वों हीं आँखे, वो हीं चेहरा…और लाखों सवाल..."
Synopsis : This is a fictional short-story of the soliloquy of an unnamed lover, when he watches his lover briefly, long after being separated from her.
Image courtesy : Channel named Redbubble from Pinterest.
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कहानी का शीर्षक : "वों हीं आँखे, वो हीं चेहरा…और लाखों सवाल..."
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आज देर-सुबह बोहोत धुप थी l
में किसी कार्य को लेके मेरे छोटे से शहर क़े इक बैंक में गया था l
अपना कार्य समाप्त करके में बैंक क़े दरवाजे से बाहर निकला l
अपनी बाईक स्टार्ट करके रस्ते क़ी और देखा तो उन्ही आँखों को मैंने फिर से देखा l बोहोत वक़्त गुज़र चुका था इन आँखों को देखे हुए l
वों अपने स्कूटर में थे l उन्होंने अपना चेहरा सफ़ेद दुप्पटे से ढ़क रखा था l
एक क्षण, एक पल क़े लिए उन्होंने अपना सिर दाईं ओर घुमाया और मेरी तरफ देखा, फिर उनका स्कूटर रास्ते के ट्रैफ़िक में खो गया l
हां वो वही...
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कहानी का शीर्षक : "वों हीं आँखे, वो हीं चेहरा…और लाखों सवाल..."
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आज देर-सुबह बोहोत धुप थी l
में किसी कार्य को लेके मेरे छोटे से शहर क़े इक बैंक में गया था l
अपना कार्य समाप्त करके में बैंक क़े दरवाजे से बाहर निकला l
अपनी बाईक स्टार्ट करके रस्ते क़ी और देखा तो उन्ही आँखों को मैंने फिर से देखा l बोहोत वक़्त गुज़र चुका था इन आँखों को देखे हुए l
वों अपने स्कूटर में थे l उन्होंने अपना चेहरा सफ़ेद दुप्पटे से ढ़क रखा था l
एक क्षण, एक पल क़े लिए उन्होंने अपना सिर दाईं ओर घुमाया और मेरी तरफ देखा, फिर उनका स्कूटर रास्ते के ट्रैफ़िक में खो गया l
हां वो वही...