...

23 views

अध्याय -6, पलायन
जिस प्रकार प्रवासी पक्षी झुंड बनाकर अपने मुल्क में विपरीत परिस्थितियों के चलते आहार की तलाश में हजारों मील की
हवाई यात्रा कर दूरस्थ चले जाते हैं।
तथा पुनः मुल्क में मौसम अनुकूल तथा भोजन की उपलब्धता होते ही वापस लौट जाते हैं।
उनसे भी बदतर प्रवासी मजदूर अमीर बनने का दिवास्वप्न लिये द्दूरस्थ शहरों को पलायन कर जाते हैं।
यह सच है कि वैश्वीकरण के
इस दौर में दूरियां सिमट गई ।तथा प्रोफेशनल्स टेक्नोक्रेट्स, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, मैनेजर्स एवं हाईली स्किल्ड वर्कर्स के लिए प्रवास लंबा हो जाता है। कुछ सीमा तक यह वैश्विक प्रवास वहां की नागरिकता तक पहुंच जाता है।
परंतु सीमित आय वर्ग के अनस्किल्ड मजदूरों का पलायन हास्यास्पद ही कहा जाएगा।
contd 2