इंस्टा के बाहर का फेमिनिज्म
सीड ऑफिस चले गए और बच्चे स्कूल। समर, साशी और काव्या देखते ही देखते कितने बड़े हो गए ना। बाई बर्तन और कपड़े करके जा चुकी थी। दोपहर का वक्त था और हर बार की तरह मै और शंभू घर पर अकेले ( बोहोत भेाैकता है)। शंभू अपने खिलौने के साथ खेल रहा था और मै ऑनलाइन काउंसिलिंग का सेशन था मेरा तो लेपटॉप को हाथ में लिए बैठी थी।
४५ मिनट का सेशन ख़तम हो गया। पानी पीने किचन में गई तो मोबाईल में कोई फेमिनिस्ट की पोस्ट आई इंस्टा पे।
पोस्ट खोल के देखी और मानो बीते दिनों में घुल गई। सोचमे पड़ गई कैसे ५ साल पहले मेरे अंदर भी एक फेमिनिस्ट था। कैसे बना? इंस्टा और फेसबुक की पोस्ट्स पढ़ पढ़ के😂
अरे हसिए मत, उस समय नहीं समजमे आता था कि इंस्टाग्राम के बाहर भी कोई दुनिया होती है, जहा लोग रहते है,ज़िंदगी गुजारते है। तब तो दिल ये भी...
४५ मिनट का सेशन ख़तम हो गया। पानी पीने किचन में गई तो मोबाईल में कोई फेमिनिस्ट की पोस्ट आई इंस्टा पे।
पोस्ट खोल के देखी और मानो बीते दिनों में घुल गई। सोचमे पड़ गई कैसे ५ साल पहले मेरे अंदर भी एक फेमिनिस्ट था। कैसे बना? इंस्टा और फेसबुक की पोस्ट्स पढ़ पढ़ के😂
अरे हसिए मत, उस समय नहीं समजमे आता था कि इंस्टाग्राम के बाहर भी कोई दुनिया होती है, जहा लोग रहते है,ज़िंदगी गुजारते है। तब तो दिल ये भी...