फोजी की अनकही बातें ❣️❣️
हां फौलाद हूं !!
कहने को तो ख़ून में जनू भरा है
मेरे मगर डर जाता हूं
अक्सर मां इंसान हूं
खुदा नहीं मां रोने को तब भी बड़ा दिल चाहा था!
आखिरी बार जब तूने गले से लगाया था अक्सर चुपके चुपके रो लेता हूं
में जब कोई पूछता हैं
क्या हुआ तिनका गया था आंख में कहकर जल्दी से मुंह धो लेता हूं
में मां तब घर की बड़ी याद सताती है अक्सर इतना थक जाता हूं
...
कहने को तो ख़ून में जनू भरा है
मेरे मगर डर जाता हूं
अक्सर मां इंसान हूं
खुदा नहीं मां रोने को तब भी बड़ा दिल चाहा था!
आखिरी बार जब तूने गले से लगाया था अक्सर चुपके चुपके रो लेता हूं
में जब कोई पूछता हैं
क्या हुआ तिनका गया था आंख में कहकर जल्दी से मुंह धो लेता हूं
में मां तब घर की बड़ी याद सताती है अक्सर इतना थक जाता हूं
...