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अगर मैं भी खूबसूरत होती–2
हम सभी पुणे जा रहे हैं। विनय सितारा को सीधा दिल्ली ही ले जाएगा क्योंकि इसके काम का पता नहीं वो वापस कब लौट कर आए।
मेरी सास और बाकी सभी रिश्तेदार पुणे चले जाते हैं। विनय मेरे साथ दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठा है। विनय मुझे कहता है कि ये बैग देखो इसमें कुछ खाने का सामान है ,पानी की बोतल है और कुछ पैसे है। अपना ख्याल रखना। ये सुन कर मैं विनय की और देखने लगी । ऐसा देखकर वो बोला तुम डरो मत सब ठीक है मैं बस अभी आता हूं अपना ध्यान रखना । ये कह कर विनय मुझे दिल्ली कि एक स्टेशन पर छोड़ कर चल जाता है। उसका इंतजार करते हुए 15 मिनट हुए फिर आधा घंटा
फिर घंटा और ऐसे दोपहर से शाम हो गई । वो अभी तक नही आया ये सोच कर मैं ट्रेन से उतर गई। मुझे डर लग रहा था कि शायद ...उसने मुझे छोड़ तो नही दिया । मैं भूखी प्यासी उसका इंतजार करती रही पर वो नहीं आया। अब मेरी हिम्मत ने भी जवाब दे दिया। सभी आते जाते लोग मुझे ही देख रहे थे। मैं उस स्टेशन पर अकेली बैठी रही जब वो नहीं आया तो मैंने स्टेशन से चली गई । कहां जाऊं कहां न जाऊं मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा था।
तब पीछे से एक लड़का आता है और कहता है कि दीदी आप ठीक है अगर आपको कोई मदद चाहिए तो मुझे बता सकती है। मैं उस लड़के को देख रही जब और मन में सोच रही थी ये मेरी मदद क्यूं करेगा ? क्या इस पर भरोसा किया जा सकता है? तब वो लड़का बोला आप फिक्र मत कीजिए आप अपने घर से भाग हुई हो न आपके पास घर नहीं खाने कि लिए खाना नहीं है हैना? मैंने उसकी बात का जवाब सिर्फ़ सिर को हां में हिला कर दिया। तब वो लड़का केता है कि मैंने पहले भी ऐसी लड़कियों की मदद की है जो घर से भागी हुईं हो । आप मेरे साथ चलो मैं आपको रहने की जगह दिखाता हूं आप मुझ पर भरोसा करो।
मेरे पास उस पर भरोसा करने कि सिवाय कोई और रास्ता नहीं था। वो मुझे रिक्शे में बिठा कर अपने घर को चल पड़ा। रास्ते में वो बताता है कि वो अपनी दादी कि साथ रहता है उसके घर में सिर्फ वो और उसकी दादी ही है ।
वो रास्ते में बहुत बोल रहा था तो इसलिए मैंने उसे शांत रहने के लिए कहा । थोड़ी देर में हम उसके घर तक पहुंच गए । उसकी दादी उसे विशाल नाम लेकर बुलाने लगी। तब वो कहता है मैं आ गया दादी मां और देखो साथ कौन है । उसकी दादी मेरी तरफ़ देख कर केती है कौन है ये एक और लड़की को ले आए तुम । दादी मां मुझे कहती है आओ बेटी तुम सफ़र से आई हो थक गई होगी। कुछ देर आराम काने कि बाद मैंने दादी मां को बताया कि मै शादी से भाग कर नहीं आई हूं। तब दादी पूछती है कि फिर क्या हुआ है तुम्हारे साथ। मैंने उन्हें सब कुछ बताया कि मेरी कल रात को ही शादी हुई है और आज सुबह होते होते मेरा पति मुझे बिना एक शब्द कहे छोड़ गया। मुझे नहीं मालूम था कि मैं कहां जाऊं कहां न जाऊं । मैं उस स्टेशन पर बैठी उनका इंतजार कर रही थी। मुझे नहीं पता कि आपके इस आशियाने में मैं कितने वक्त तक रह पाऊंगी । तब दादी कहती है कि बेटी वो तुम्हे कुछ कहे चला गया है तो उसकी कोई वजह रही होगी । बस तूु अपना करती जाओ मंजिल खुद चल कर तुम्हारे पास आयेगी। तुम फिक्र मत करो ये घर अब तुम्हारा भी है तुम यहां जब तक चाहो रह सकती हो ।
दादी मां की बातों ने मुझे कुछ हौसला दिया । दादी मां कि यहां मैं बिना फिकर के रही। एक दिन दादी मां ने 9:00 बजे तक खाना नहीं बनाया। दादी मां विशाल को ढूंढ रही थी कभी किसी के घर तो कभी किसी के घर । मैं रसोई में गई तो देखा कि आज घर में खाने के लिए राशन नहीं है। पैसे न होने की वजह से किसी ने कुछ नहीं खाया था ।
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