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जहां चाह वहाँ राह
बहुत समय पहले की बात है,"नामसा "नामक एक गरीब गाँव था, जिसे किसानों का गाँव कहा जाता था,वहाँ एक रविदास नाम का किसान भि रहता था अपने परिवार को लेकर. उसका एक बेटा था जो पढ़ने में बहुत होनहार था. लेकिन वो गाँव श्रापित होने की वजह से बंजर है,ऐसा उस गाँव वालो का मानना था,क्योंकि वहाँ के लोग ये अंधविस्वाश पर अधिक भरोसा करते थे. वहाँ कोई भी अनाज किसान उगाते तो होता ही नही इस भारी त्रासदी से परेशान थे,जैसे तैसे तो कुछ किसान वर्षा के पानी से अपने खेतो की सिचाई कर लेते थे. उनका भरण पोषण हो जाता था, रोजमर्रा की ज़िन्दगी जैसे तैसे तो चल जाती थी,

गाँव थोड़ा पहाड़ी और रेगिस्तान होने के कारण...