...

14 views

हमने उनके लिए किया क्या है
आपने मेरे लिए किया क्या है
यह यह सवाल भी कमबख्त मैंने उन्हीं से किया जिसने मेरी हर खुशी के लिए अपने हर सपने को पीछे छोड़ दिया
मैं एक खिलौने की चाहत रखता और पापा जेब खाली होने पर भी मुझे दो खिलौने लाकर देते हैं।
मैंने कभी जानने की कोशिश नहीं की कि वह दो खिलौनों के पैसे आए कहां से?
मेरी औकात तो हिंदी मीडियम स्कूल की भी नहीं थी और उन्होंने। मेरी औकात से ऊपर उठकर मेरा दाखिला। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में करवाया।
रजाई दो ही थी हमारे घर में और। वह सर्दियों के दिन। एक हम दोनों बहन भाई को और एक मां के सोने के बाद उन्हें उड़ा देते और रात भर खुद ठंड में कापते रहते ह।
वह बारिश के दिन। आज भी याद है मुझे। छत से पानी गिरता रहता और पूरे घर में पानी भर जाता था। पापा हमें सूखे में सुला कर खुद भीगते रहते थे।
याद है मुझे वह दिन भी जब उन्हें तेज बुखार था। और उनके पास पैसे नहीं थे। एक ही बात दोहराते रहते थे कि मुझे कुछ नहीं हुआ। मैं ठीक हूं।
आज लोग दौलत शोहरत पैसा होने के बाद भी लोग एक अच्छा घर नहीं बना पाते
और पापा ने नीव मेरी मां को बनाया दीवारें अपने बच्चों को और खुद छत बनकर तने रहे। क्या इससे खूबसूरत घर कोई था भला?
आज एक छोटा सा सवाल सभी बच्चों से की उन्होंने तो पूरी जिंदगी हम पर लुटा दी हमने उनके लिए क्या किया है?
© miraan ruth