नया शहर (भाग 1)
जयपुर मेरी रूह में बसा.हर गली गर डगर से मैं वाक़िफ़ हुं इस शहर से, जैसे कोई भी अपने घर से होता है.
मैंने इस शहर को हर पल जिया है, सुबह शाम रात दिन हर लम्हा हर पल.
नाहरगढ़ से लेकर जयगढ़, आमेर से गलता, गढ़ गणेश...
मैंने इस शहर को हर पल जिया है, सुबह शाम रात दिन हर लम्हा हर पल.
नाहरगढ़ से लेकर जयगढ़, आमेर से गलता, गढ़ गणेश...