...

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"एक दिन कहने लगे,,
सुखा लो बद्न से पसीना बहुत है
न चिंता करो मेरे हम दर्द बनकर
मेरी ज़िन्दगी में हसीना बहुत हैं।।

तुम्हे जौहरी ने तरासा नहीं क्या
मेरी बन सको थोड़ा घिसकर के
देखो, हो जाय वरना नगीना बहुत हैं।।

तुम्हे चाहता हूं मेरी जान दिल से
कभी दिल से दो बात कर के तो
देखो...।।

बहुत दूर हूं तेरी जुल्फों से लेकिन
मेरा नाम लेकर के लहरा के.
देखो।।

अब आ जाओ इतना न भोली बनो तुम
तुम्हे है पता तुमसे चाहत बहुत है...

मैं फिर एक बार उनके झांसे में आकर उनसे लिपट गई😒