डर : एक प्रेम कहानी
एक लड़का और एक लड़की बहोत अच्छे दोस्त थे । अपने मन कि सारी बाते एक दूसरे से सेर करते थे बिना किसी डर या जीजक के... साथ ही दोनों एक दूसरे पर बहोत भरोसा करते थे ।
धीरे धीरे कब ये दोस्ती प्यार में बदल गई ये उन दोनों को भी पता नहीं चला ओर दोनों एक दूसरे से बेइम्तिहा मोहब्बत करने लगे। मगर अभी तक दोनों में से किसीने भी अपने प्यार का इजहार एक दूसरे को नहीं किया था ।
वजह एक दूसरे को खोने का डर दोनों को लगता था कि अगर सामने वाले ने मना कर दिया तो ओर रिश्ता ख़तम कर दिया तो । उनके इसी डर ने उन्हें कभी भी उनके प्यार का इकरार करने ही नही दिया ।
एक दिन लडके ने कहा कि मेरे परिवार...
धीरे धीरे कब ये दोस्ती प्यार में बदल गई ये उन दोनों को भी पता नहीं चला ओर दोनों एक दूसरे से बेइम्तिहा मोहब्बत करने लगे। मगर अभी तक दोनों में से किसीने भी अपने प्यार का इजहार एक दूसरे को नहीं किया था ।
वजह एक दूसरे को खोने का डर दोनों को लगता था कि अगर सामने वाले ने मना कर दिया तो ओर रिश्ता ख़तम कर दिया तो । उनके इसी डर ने उन्हें कभी भी उनके प्यार का इकरार करने ही नही दिया ।
एक दिन लडके ने कहा कि मेरे परिवार...