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केदारनाथ सफर
#kedarnath
#adventure
एक साल से राहूल और उसके दोस्त. केदारनाथ गुमने जाने के बारे मे सोच रहे थे लेकीन जा नही पाय. लेकीन आज अचानक ही राहुल को लोट्री लगी. लोट्री मे केदारनाथ फ्री यात्रा उसे स्पोन्सर की गइ थी. वह उसके दोस्त बहोत खुश हुए वह लोग तुरंत ही देहरादुन के लीये नीकल गये. बीना यह जाने की यह उन्हे स्पोन्सर कीसने कीया हे. दरअसल यह उन्हे एक फ्रोड साइनटीस ने कीया था दरअसल राहूल के पिता एक साइन्टीस थे वह नेकदील इन्शान थे वह और फ्रोड साइन्टीस जयडोख दोस्त थे. राहूल के पिता अमर और जयडोख एक रीसर्च कर रहे थे देहरादुन मे एक गुफा के अन्दर सोना छुपा हे कीसी गलत हाथ मे न जाय इसलिये उनहोने गुफा के बार एक दरवाजा बनाया था वह सिर्फ अमर के डी.एन.ए से ही खुल सकता था. लेकीन वह खजाना अमर सर सरकार देना चाहते थे देश की उनत्ती के लीये और जयडोख उसे अपने फायदे के लेये लेना चाहता था इश बात की खबर अमर को पता चल गइ थी. अमर ने फीर कभी जयडोख के लीये दरवाजा नही खोला. इशी बात से दोनो मे जगडा हुआ जयडोख और अमर के बीच मे फाइट हुइ. जयडोख ने अमर को धोखे से मार दीया और पहाड के उपर से फेक दीया. लेकीन खजाने तक पहोचने की लीये रस्ता अभी भी बन्द था जो अमर के डी.एन.ए से ही खुल सकता था. जयडोख जानता था की अमर का बेटा राहुल ही खोल सकता हे यह. इश लीये उसने ट्रीप स्पोन्सर की. अब देखते जयडोख के जासे मे राहूल आता हे की नही.
#filmscript

to be continue.......