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मोहब्बत या भ्रम जाल(भाग 3)
नमस्कार दोस्तों
यह मेरी कहानी का अगला हिस्सा है इस कहानी को जानने के लिए आप उसके पहले दोनों हिस्सों को पढ़ना होगा तभी आपकी इस कहानी में रुचि बनेगी।



मुकेश बोला "तुम्हारा दिमाग तो सही है। कौन हो तुम और किसकी बात कर रहे हो? मैं किसी नीतीश को नहीं जानता ।
नीतीश"तुम जैसा बेवकूफ किसी को जान भी नहीं सकता। अनु ने तुम्हें इसीलिए नहीं फसाया था,कि तुम मुझे जान सकूं बल्कि इसलिए फसाया था,कि वह तुम्हारे पैसों पर ऐश कर सके ,क्योंकि वह प्यार तो मुझसे करती थी और मेरे रहते हुए मेरी जानकारी में उसने तुम्हारे साथ प्रेम का नाटक किया था। क्योंकि उस समय ना तो हमारे पास पैसे का कोई जरिया था ना रास्ता और तुम तो थे भी अमीर घर से तुम सिर्फ सारे खर्चे आराम से उठाते थे इसलिए सिर्फ तुम्हारे साथ थी। तुम बेवकूफ उसके पीछे यहां तक आ गए ।समझ में नहीं आता कैसे लोग हो तुम घर वालों को भी नहीं पता,तुम्हारी पत्नी क्या उसको भी नहीं पता तुम कितना बड़ा धोखा करने जा रहे हो।"
"खामोश हो जाओ क्या बकवास किए जा रहे हो तुम अगर मैं कुछ बोल नहीं रहा तुम कुछ भी बोलते जाओ"
"देखो मुकेश! मेरा तुमसे कोई जातिमसला नहीं है मैं तुम्हें...