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मोर पंखी प्रेम

*मोर पंखी प्रेम*

थोड़ा अलग लग रहा है न.. ये "मोर पंखी प्रेम" ।आमतौर पर आप सभी ने आसमानी प्रेम,रूहानी प्रेम, गुलाबी प्रेम आदि ,अनेक प्रेम सुने हैं लेकिन आज की मेरी कहानी है "मोर पंखी प्रेम"..!इस कहानी के माध्यम से प्रेम का अनोखा रंग आपके सामने प्रस्तुत किया है,आशा करती हूंँ आपको पसंद आए।🙏

*मोर पंखी प्रेम*

राज और सोनिया, बड़ा गहरा प्रेम है दोनो में।बिना एक दूसरे से बात किए ना दिन निकलता और ना ही रात गुजरती।राज मध्यम वर्गीय और सोनिया को पैसों की कोई कमी नहीं।फिर ये मिले कैसे और कैसे प्यार हुआ ?आइए जानते है..,

राज का कॉलेज का पहला दिन।थोड़ा घबराया हुआ वो घर से निकाला।लंबा, गोरा,घने बाल,आंँखे नशीली और प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला राज मध्यम वर्गीय परिवार का इकलौता बेटा है उसके परिवार में उसके मांँ पिता और दादा दादी है।

वही सोनिया एक धनाढ्य परिवार से है उसे कॉलेज छोड़ने और लेने कार आती हैं।बचपन में ही मांँ के गुज़र जाने के बाद उसे पिता और दादा दादी का भरपूर प्यार मिला, उसका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम मनोज है।सोनिया का रंग सांँवला, आंँखे बड़ी,लंबे बाल,सामान्य कद काठी लेकिन व्यवहार में शालीनता भरी हुई है।
जैसे ही राज ने कॉलेज में प्रवेश किया,बहुत सारी लड़कियों ने उससे बेंच पर बैठने को कहा लेकिन वह किसी के साथ नही बैठ कर अलग से अकेला ही बैठा।सभी लोग राज को देखते ही रह गए लेकिन पहला दिन होने से राज को घबराहट से पसीने छूट रहे थे।

लंच ब्रेक में राज कैंटीन में गया और वहा पर उसने नाश्ता किया और पेमेंट करके जैसे ही राज मुड़ा तो वो सोनिया से टकरा गया और सोनिया का सारा नाश्ता गिर गया,अब तो राज का बुरा हाल था कि पहला दिन और ये क्या हो गया कहीं ये लड़की नाराज़ हो गई और सबके सामने चिल्लाई तो मेरी बेज्जती हो जायेगी अभी राज उससे माफी मांँगने ही वाला था कि सोनिया ने कहा _"it's ok..! कहीं आपको चोट तो नहीं लगी"..!

राज दंग रह गया और बोला_"ohh sorry.., मैंने आपको देखा नहीं,मैं आपके लिए फिर से नाश्ता लाता हूंँ"..!कह कर राज ने सोनिया के लिए नाश्ता लिया जब उसने सोनिया को नाश्ता दिया तब सोनिया_"इसकी आवश्यकता नहीं थी mistake हुई आपसे कोई जानबूझ कर नहीं किया है,अपने आप को दोष मत दो"।

राज_"आज मेरा first day हैं मुझे संभल कर चलना चाहिए था..,
तभी सोनिया_"Wow new Student..! पता है मैं तुम्हारी सीनियर हूं मैं seceond year में हूंँ और हंँसने लगी तभी bell बजी और दोनो अपने अपने class room में चले गए।

राज को थोड़ा दुख होता था कि अगर पैसे होते तो वह बाहर किसी बड़े कॉलेज में प्रवेश करने जाता अपनी education अच्छी तरह से करता वही सोनिया को इस बात का कोई मलाल नहीं था उसका मानना था कि पैसे तो बहुत है भेज भी देते घर वाले लेकिन फिर घरवालों से दूर रहना होता और वो ये नहीं चाहती थी।उसकी बातों से राज का दुख भी दूर हुआ,अब वो यही मन लगा कर पढ़ने लगा।दोनो की दोस्ती को 5महीने हो गए थे बीते दिनों में उनकी दोस्ती गहरी हो गई दोनो साथ में नाश्ता करते और जब भी free होते साथ साथ होते।mobile पर भी घंटो तक बात करते और राज तो थोड़ा सा doute clear करने के लिए भी सोनिया को call कर देता।

दोनो की नज़रे अब एक दूसरे को तलाशती रहती।एक दिन जब राज दोस्तो के साथ था तभी सोनिया आई और उसने राज को एक "मोर पंख"दिया और कहा _"मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं,अपना सारा जीवन सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूंँ!! क्या तुम भी मुझे अपने जीवन का हिस्सा बनाओगे"..?

सोनिया की इस तरह प्रपोज करने पर राज अवाक रह गया वह कुछ नहीं बोला फिर सोनिया ने कहा _" तुम्हें थोड़ा अजीब लगेगा कि मैं तुम्हें कोई चॉकलेट🍫 या रेड रोज़ red 🌹 नही देते हुए ये मोर पंख 🦚 क्यूंँ दे रही लेकिन मुझे तुम्हें कोई फूल नहीं देना जो मुरझा जाए या समय के साथ उसकी खुशबू और रंग फीका पड़ जाए,मुझे तो "मोर पंखी"प्रेम है तुमसे जो न मुरझाए और न ही बिखरेगा..!इसके रंगों से हमारा जीवन भी रंगीन रहेगा,मुझे ये सब कहने के लिए कॉलेज का last day नही चाहिए था इसलिए मैने तुमसे आज ही कह दिया आगे तुम्हारी इच्छा मुझे तुम्हारी हां और ना दोनो स्वीकार है"।

कहकर सोनिया घर चली गई।पहले राज को सब मजाक लग रहा था वो जानता था कि सोनिया उसकी सीनियर है लेकिन फिर भी कही वो उसके साथ कोई ..!

नही सोनिया ऐसी नही है रात भर राज सोनिया के बारे में ही सोचता रहा दूसरे दिन वो जल्दी कॉलेज गया लेकिन सोनिया नही आई वो उदास हो गया आखिर क्या कारण है वो कभी छुट्टी नही करती कही मेरे चुप रहने से कुछ किया तो नहीं उसने ।मन ही मन राज घबरा गया और आधे दिन बाद ही कॉलेज से वापस लौट कर सोनिया के घर की तरफ मुड़ गया।सोनिया का भाई राज के बारे में सब कुछ जानता था।सोनिया के फैसले से उसके घर पर कोई नाराज़ नहीं था बल्कि उसके पिता ने राज के पिता से बात करने का भी सोच रखा था।

सोनिया के घर पहुंचते ही उसने देखा वहा पर बहुत सारे लोग जमा है कुछ डॉक्टर भी है राज बहुत घबरा गया उसके पसीने छूट ने लगे उसे लगा कि जैसे उसने सोनिया को खो दिया अब वो कैसे जिएगा उसकी आंँखों में आसूं बहने लगे तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा और राज ने मुड़ कर देखा कि वो सोनिया है ,उसने उसे गले से लगाया और जोर जोर से रोने लगा मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता!! तुम कॉलेज क्यों नहीं आई??और ये डॉक्टर क्यों है क्या हुआ है तुम्हें??

तभी राज को चुप करके सोनिया ने कहा _"घबराओ मत..! मैं ठीक हूंँ दादा जी बीमार है इसलिए मैं नही आई और डॉक्टर भी इसलिए ही हैं"।

राज को पानी पिलाया और थोडी देर बाद सोनिया के पिता जी हंँसते हुए बोले _"सोनिया शायद मैं भी तुम्हारे लिए राज से अच्छा लड़का नहीं खोज पाता"।

सब लोग हंँसने लगे और पढ़ाई पूरी होते ही दोनो का विवाह कर दिया गया..! उस मोर पंख को राज ने golden frame में अपने room में दीवार पर दोनो की फोटो के साथ लगाया ताकि दिन रात वो उसकी आंँखों के सामने रहें..!

"हर प्यार अधूरा नहीं होता..,
हर यार मतलबी नहीं होता"..।

क्या आपको भी आपका प्यार मिला कॉमेंट में जरूर बताएं।
उम्मीद करती हूं आप सभी को पसंद आए।🙏

लेखक _#shobhavyas
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