दुनिया की भीड़ में तुम कौन हो?
(अरून ओर सलोनी पहली बार स्कूल में मिले है।अरून अपनी कक्षा का शांत लड़का है)
सलोनी:ए रीशेष के मजे आप कयू नहीं लूटते?
अरून:हम जैसे गरीब बच्चे के लिए नही है।
सलोनी:गरीब......?
सलोनी:मैं आपका नासता बोकस देख सकती हूँ?
अरून:नहीं....
सलोनी :(मन हि मन) कितना सीधापन है,
एक बार मौका मिला तो देखुगी। क्या खाना लाते है वो!
अरुन अपने कक्ष से बाहर गया।
सलोनी : अरून के बोकस को देखती हैं।
लुखी सुखी रोटी के टुकडे जो
हमारे यहाँ प्राणी भी नहीं खाते ।
अरून का इंतजार करती है
सलोनी :अरून छुटि के बाद में आप को।
मिलना चाहती हूँ।
अरून :मुझे.......
सलोनी :हा.....
(अरून ओर सलोनी एक धने पेड के नीचे खडे है)
सलोनी :मैं आप को मदद कर सकती हूँ?
अरून :दुनिया की भीड़ में तुम कौन हो?
डाँ. माला चुडासमा "संकेत "
© All Rights Reserved
सलोनी:ए रीशेष के मजे आप कयू नहीं लूटते?
अरून:हम जैसे गरीब बच्चे के लिए नही है।
सलोनी:गरीब......?
सलोनी:मैं आपका नासता बोकस देख सकती हूँ?
अरून:नहीं....
सलोनी :(मन हि मन) कितना सीधापन है,
एक बार मौका मिला तो देखुगी। क्या खाना लाते है वो!
अरुन अपने कक्ष से बाहर गया।
सलोनी : अरून के बोकस को देखती हैं।
लुखी सुखी रोटी के टुकडे जो
हमारे यहाँ प्राणी भी नहीं खाते ।
अरून का इंतजार करती है
सलोनी :अरून छुटि के बाद में आप को।
मिलना चाहती हूँ।
अरून :मुझे.......
सलोनी :हा.....
(अरून ओर सलोनी एक धने पेड के नीचे खडे है)
सलोनी :मैं आप को मदद कर सकती हूँ?
अरून :दुनिया की भीड़ में तुम कौन हो?
डाँ. माला चुडासमा "संकेत "
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