अम्मा के इंतजार का अंत....
वो दिन रात निस्वार्थ काम करती है,
खुद दर्द सह कर भी मुस्कान बिखेरती है ।
वो है अम्मा..
हम सब की अम्मा की तरह वो है राजेंद्र की बुढ़ी अम्मा ।
राजेन्द्र की अम्मा उसकी शादी के बाद वृद्धाश्रम में रहती है। सुबह सुबह उठकर पूजा करना नहाना इत्यादि करके अपने आचार् के काम में लग जाती है।
अम्मा सबके साथ अच्छा व्यवहार करती है हस्ती मुस्कराती अम्मा कलेजे में कितना दर्द छुपाये रखती है किसी को कानों -कान खबर ही नहीं है।
आज उनका जन्मदिन है वो बहुत खुश है और अपने बेटे के आने की राह देख रही...
खुद दर्द सह कर भी मुस्कान बिखेरती है ।
वो है अम्मा..
हम सब की अम्मा की तरह वो है राजेंद्र की बुढ़ी अम्मा ।
राजेन्द्र की अम्मा उसकी शादी के बाद वृद्धाश्रम में रहती है। सुबह सुबह उठकर पूजा करना नहाना इत्यादि करके अपने आचार् के काम में लग जाती है।
अम्मा सबके साथ अच्छा व्यवहार करती है हस्ती मुस्कराती अम्मा कलेजे में कितना दर्द छुपाये रखती है किसी को कानों -कान खबर ही नहीं है।
आज उनका जन्मदिन है वो बहुत खुश है और अपने बेटे के आने की राह देख रही...