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मेरी प्यारी Nikku chapter 4
कौन कहता है की दिल सीने मैं धड़कता है
मैं अगर निक्कू को लिखने बैठु न तो मेरे उंगलियां भी धड़कने लगती है।
सुबह की पहली किरण निक्कू के उठने से होती थी,ओर मेरे सुबह भी उसी से होता था,वेसे तो हम छात्रावासी थे,एक बात होती है हर छात्रावासी मैं की वो देर से उठते है,पर मैं ऐसा नही था और न आज हु,मेरी नींद पहले खुलती है,उस समय भी ऐसा ही होता था ,पहले उठ जाता था और निक्कू को मैसेज करता था,जबाब भले ही देर से आये,
27/09/18 की बात है रात के करीब 9;24 मिनट हो रहे थे ,मैंने बोला निक्कू सुनो तुमसे कुछ काम है,वो पूछी क्या काम है,मैं बोला कि मुझे प्रैक्टिकल की कॉपी चाहये,मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान की,वेसे नोट्स लेना भी एक बहाना रहता था निक्कू से बात करने की,ओर ये सिर्फ मैं अकेले नही था ऐसा ओर भी मेरे दोस्त थे जो नोट्स...