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मेरी प्यारी Nikku chapter 4
कौन कहता है की दिल सीने मैं धड़कता है
मैं अगर निक्कू को लिखने बैठु न तो मेरे उंगलियां भी धड़कने लगती है।
सुबह की पहली किरण निक्कू के उठने से होती थी,ओर मेरे सुबह भी उसी से होता था,वेसे तो हम छात्रावासी थे,एक बात होती है हर छात्रावासी मैं की वो देर से उठते है,पर मैं ऐसा नही था और न आज हु,मेरी नींद पहले खुलती है,उस समय भी ऐसा ही होता था ,पहले उठ जाता था और निक्कू को मैसेज करता था,जबाब भले ही देर से आये,
27/09/18 की बात है रात के करीब 9;24 मिनट हो रहे थे ,मैंने बोला निक्कू सुनो तुमसे कुछ काम है,वो पूछी क्या काम है,मैं बोला कि मुझे प्रैक्टिकल की कॉपी चाहये,मानव शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान की,वेसे नोट्स लेना भी एक बहाना रहता था निक्कू से बात करने की,ओर ये सिर्फ मैं अकेले नही था ऐसा ओर भी मेरे दोस्त थे जो नोट्स लेने के बहाने लड़कियों को मैसेज करते थे,निक्कू बोली मेरा अधूरा है मैं तुम्हे रविवार तक दे दूंगी,मैं बोला ठीक है पर दे ही देना,रात का समय था मैं पूछ दिया कि खाना खा ली,वो बोली ह,ओर तुम मैंने बोलां मैं भी खा लिया,पर खाना बहोत गंदा था,हरा सब्जी तो देता ही नही है,बस आलू खिलाता है,वो भी बोलती है कि दाल कम पानी ज्यादा रहता है,मैं बोल दिया निक्कू हम ऐसा खाना नही खा सकते मैं एक साल के बाद छात्रावास छोड़ दूंगा,वो बोली तो कहा जाओगे फिर,मैं बोला की बाहर घर ले लूंगा,,निक्कू बोलती है सच मे तो मुझे भी रख लेना फिर,एक रूम दे देना मुझे,मैं बोला ठीक है सोच लो निक्कू,कुछ हुआ तो मुझे मत बोलना,,वो बोली अरे मैं मजाक कर रही थी,मैं बोला मुझे पता है फिर उसे बोला कि अगर तुम्हारे रिशव को पता चला तो वो मुझे धो देगा,वो बोली कि मैं उसे बताया ही नही है,ओर कहती है कि मैं पैसा दे दूंगी,रूम तुम बस दे देना फिर हँसने लगी बस यही सब मजाक मस्ती थोड़ी बहोत चली,उसके बाद मैं बोला कि निक्कू मैं पढ़ने जा रहा हु
सुभ रात्रि वो भी बोली मैं भी जा रही हु पढ़ने,मैं बोला जाओ ,वो भी सुभ रात्रि बोल कर चली गयी
मैं कुछ देर बाद उसे एक वीडियो भेजा थोड़ा प्यारा था,वो देखी उसे अच्छा लगा वो बोली धन्यवाद,ऐसे वीडियो मत भेजा करो वरना मुझे प्यार हो जाएगा तुमसे फिर बड़े प्यार से बोलती है
आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो.फिर उसने भी कुछ भेजा मैंने भी धन्यबाद बोला और सो गया।।
-सोते हुए 3 घंटे भी नही हुए थे की रात मैं निक्कू ग्रुप मैं कुछ मैसेज की मैं भी जगा ही हुआ था मैंने बोला सुनो निक्कू ग्रुप म कुछ मैसेज मत करो।
वेसे ये मैं बताना भूल ही गया ग्रुप हमारे मिश्रा सर बनाये थे वेसे उनका नाम हमलोग पनवारी रख दिये थे वो पान बहोत खाते थे इसीलिए मैं बोला कि जो भी मैसेज की हो उसे हटा दो जल्दी,वो मानी मेरा बात और कर दी,उतना तो मुझे याद नही है,पर कुछ खास नही था,पर कुछ भी होता निक्कू करती और फसता मैं इसीलिए हटवा दिया,रात काफी हो गयी थी,मैं बोला निक्कू तुम सो जाओ सुबह उठना भी है तुम्हे कॉलेज के लिए,वो बोली ठीक है जा रही हु सोने,मैं बोला रुको निक्कू बोली क्या मैं बोला मुझे कुछ कहना है मुझे एक शायरी याद आ रहा उस समय कॉपी ही किया था पर अच्छा लगा था,वही उसे भेज दिया..
तन्हा रात में जब हमारी याद सताये,
हवा जब आपके बालों को सहलाये,
कर लेना आँखें बंद और सो जाना,
शायद हम आपके ख्वाबों में आ जाये।
शुभरात्रि,निक्कू बोली अच्छा है और प्यारा भी
ओर फिर बोली चलो अब बाद मैं बात करूँगी शुभरात्री,अपना ख्याल रखना।।