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हम हमारी चाय और ख्याल उनका..
आज फिर हम, हमारी चाय और ख्याल उनका...☕
हां उन्ही का ख्याल जिन्हें याद करते ही कल तक मेरे लबों पर मुस्कान आ जाती थी पर आज......😊
आज ये आँसू क्यों, जबकि मेरे पास मेरे चाय की प्याली भी है फिर भी ये आंसू....😔
शायद आज अपने आंसू की वज़ह खुद हम ही हैं। हमारे मन में आज इन चाय की चुस्की के साथ जो एक सवाल आया है मन में उसका कोई जवाब न मिल पाना ही शायद हमारे आंसू की वज़ह हैं।😭
आखिर हमारा उनसे रिश्ता क्या है, उनकी ज़िन्दगी में हम हैं तो हैं क्या., क्या ये जो है मोहब्बत ऐसी होती है अगर हां तो वो क्या है जो हमें उनके लिए महसूस होता है?

🤔हां, उन्हें पसन्द है हमारा हँसता हुआ चहेरा, लेकिन वो मेरी हँसी की पीछे छुपे दर्द को क्यों महसूस नहीं कर पाते?
🤔हां वो एकदम फुर्सत के लम्हों में बात करते हैं हमसे पर क्यों कभी अपनी busy life से हमारे लिए दो पल नहीं निकालते? क्यों हमारे बीच बात करने की एक timing रखी है उन्होंने, क्या रिश्ते में ज़ज़्बात वक़्त के हिसाब से ज़िन्दा होते हैं?
🤔हां वो सुबह उठते ही हमें good morning का मैसेज जरूर करते हैं पर क्यों मैसेज करने के बाद उनका कभी ये जानने का मन नहीं होता की उनका मैसेज हमने seen किया या नहीं rply किया या नहीं।
🤔हां हमने माना कि उनके यहां खाना जल्दी हो जाता है और वो जल्दी सो भी जाते हैं पर हमसे बात करने के लिए वो मोबाइल में आलार्म लगा के सोते हैं एक बार सोकर फिर उठ जाते हैं हमसे बात करने के लिए पर क्यों कभी ऐसा नहीं हुआ कि हमसे बात करने की बेकरारी में आपको नींद ही न आयी हो।
🤔हां उन्होंने एक बार पूछा था हमसे जन्मदिन हमारा पर क्यों उन्होंने कभी कैलेण्डर उठा के न देखा कि हमने जो बतायी वो तारीख़ होती भी है या नहीं।
🤔हां वो कहते थे कि आपसे बात करना आदत है मेरी बिना बात किये हम रह नहीं सकते फिर क्यों बिना बात किये वो रह लेते हैं 3 दिन 4 दिनों तक।
🤔हां मेरे साथ बहुत खुश रहते हैं वो पर क्यों उनके अंदर हमें खो देने का दर्द नहीं है।
🤔हां अक्सर कहते हैं वो कि आपके शहर में होते तो जब हम कहते वो हमें अपने हाथों की चाय पिलाते हमें पर क्यों हमसे मिलने की तड़प उनके आंखों में नज़र आती नहीं।
🤔हां उन्हें पसन्द आती है मेरी लिखी हर शायरी फिर शायरी में सिमटे अहसास क्यों वो समझ पाते नहीं। अगर जो उनके मन में है ये मोहब्बत है तो वो क्या है जिसे मोहब्बत के नाम से हम जानते हैं जिसे अभी तक अपनी शायरी में हम लिखते आये। आखिर क्यों हम ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें मोहब्बत है भी हमसे या..........

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