रस्म ए मोहब्बत ❤️
तुम तो खुद इक ग़ज़ल हो
साज़ सुनाकर क्या करना
तुम मेरे थे मेरे हो मेरे ही रहोगे
दुनिया को बताकर क्या करना
साथ निभाएंगे मोहब्बत में एक दूसरे का
ये रस्में निभाकर क्या करना
तुम तो खफा भी बहुत अच्छे लगते...
साज़ सुनाकर क्या करना
तुम मेरे थे मेरे हो मेरे ही रहोगे
दुनिया को बताकर क्या करना
साथ निभाएंगे मोहब्बत में एक दूसरे का
ये रस्में निभाकर क्या करना
तुम तो खफा भी बहुत अच्छे लगते...