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कालचक्र में विभाजन स्त्री के भोग कौन कौन से हैं ।।
आइए जानते हैं कि पहले की कालचक्र के भेद है।। मगर उससे पहले हम आपको बता कि श्रृष्टि की उत्पत्ति में योनी का बड़ा महत्व है क्योंकि कहीं ना कहीं कालचक्र विभाजन भी "कन्या की योनि से ही उत्पन हुए इसलिए श्रृष्टि के जन्म में कन्या की योनि का बड़ा योगदान दान रहा है।। याथारथ हम कह सकते कि कालचक्र में स्त्री द्वारा बताए गए कालचक्र और स्त्री भोग स्पष्ट रूप से बताए गए और कालचक्र बहुत गहराई में समझा गया है ।।
तो चलिए शुरू करते कि कालचक्र में विभाजन स्त्री रूप तथा स्त्री के भोग कौन कौन से हैं।। और इनके प्रकार पर रोशनी डालते हुए समझाते हैं -पहला है भूतकाल इस काल को हम अकसर बीत गया वक्त देखते जैसे हमारी गुज़री हुई यादे। यह काल योनि से निकल कर बाहर आया हुआ पहला काल है।।
जो कुछ भी हमारे साथ हो चुका है वो भूतकाल है और यह इस्त्री मनोभाव द्वारा उत्पन्न होकर क्रिया करने में अव्वल है।। यदि स्त्री भाव में सहेजता होगी तो आपका भूतकाल अच्छा रहा होगा मगर कुछ हद तक यह काल हमारे कर्म पर भी निर्भर करता है है क्योंकि स्त्री योनि का सृजन भी उसकी मरियादा और विचार द्वारा ही संभव हो सकता है और शायद है भी।।
एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में योनी क्या है और कैसे होती हैं क्या हर कन्या की योनि एक जैसे होती है ।। कन्या की योनि एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में बहुत बड़ा योगदान और एक संकल्प है।।
उसका संकल्प द्वारा मिला प्रसाद है स्त्री वीर्य ।।
#भूतकाल
स्त्री काल से जन्मा पहला काल।।
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