माँ के जैसा इस दुनियाँ मे कोई दिल नहीं ||
एक दिन सुबह सुबह बिना
मतलब के मां से झगडा कर
लिया और
बिना नाश्ता किये हुए मैं
बाईक पकड के चला गया ।
मां चिल्लाती रही कि
बेटा नाश्ता कर ले, मगर
मैं मुडा नहीं
।
अरे भाई कल रात देर से
घर आने के लिये मां ने
डांटा था ना,
सो नाराज हो गये थे और
क्या ।
मैने भी बाईक पकडी और
चुप चाप निकल गया।
ऑफ़िस पहुंचा और अपना
काम शुरु कर दिया ।
मां नाराज क्यों हो
गयी..???
मैं बडा हो गया हूं.
अपने फ़ैसले खुद ले सकता हूं.
और भी ना जाने क्या...
मतलब के मां से झगडा कर
लिया और
बिना नाश्ता किये हुए मैं
बाईक पकड के चला गया ।
मां चिल्लाती रही कि
बेटा नाश्ता कर ले, मगर
मैं मुडा नहीं
।
अरे भाई कल रात देर से
घर आने के लिये मां ने
डांटा था ना,
सो नाराज हो गये थे और
क्या ।
मैने भी बाईक पकडी और
चुप चाप निकल गया।
ऑफ़िस पहुंचा और अपना
काम शुरु कर दिया ।
मां नाराज क्यों हो
गयी..???
मैं बडा हो गया हूं.
अपने फ़ैसले खुद ले सकता हूं.
और भी ना जाने क्या...