...

30 views

डाकू भूरा सिंह👿👿💪💪
मैं आज निवेदन करता हूं जो भी ये कहानी पढ़ रहा है पूरी पढ़े🙏🙏🤗

और पूरा लेख पढ़ के बताएं क्या उन्होने ने जो किया वो सही था या नहीं🙏🙏🤗

क्योंकि ये असल जिंदगी की कहानी है कैसे एक 17 साल का युवक सामाजिक कुरीतियां का शिकार होके डाकू बनने में मजबूर हो गया।🙏🙏😢😢

जी हां इस कहानी में मैं अपने घर के नौकर डाकू दादा की बात कर रहा हूं🙏🤗

कल जब हम दोनों खाना खा रहे थे तो आज मैने हिम्मत करते हुए उनके अतीत के बारे में पूछने की चेष्टा की तो वो भावुक हो उठे😟😟

बोले""लाला हमका पुरान जिंदगी न याद दिवाओ😢😢""

हमने कहा बताओ दादा🙏🙏🤗

कहानी बहुत लंबी है लेकिन मैने महत्वपूर्ण बिंदुओं को ही लिखा है जिससे कहानी नीरस न लगे🙏🙏🤗

💐💐💐THE START🌸🌸🌸


"""डाकू बनने की कहानी खुद डाकू दादा की जुबानी"""🙏🙏🤗

लाला हमर जन्म 1961 में बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक चमार जाति के परिवार में हुआ था मेरे पिता का नाम कन्हाई था,🙏🤗
और मेरे 6 भाई थे,
मेरी उम्र आज 62 साल है आज मेरी लंबाई लगभग 6 फीट 2 इंच है और लगभग वजन 70 किलोग्राम है 🤟😎😎

बात है उन दिनों की जब तुम्हारे बाबा तहसील के 6 गांवों के सरपंच थे तब बाबा ने सभी गांवों में एक एक कुआं खुदवाया था जो की उन्होंने अपने नेशनल चैंपियनशिप में मिली सैलरी से बनवाई थी 🙏🙏🤗

हमारे गांव में उच्च जाति के लोगों का सिक्का चलता था और वो गांव के सभी जनों को परेशान करते थे छुआ छूत करते थे,जो कुआं खुदवाया गया था उसमे उन्होंने अपना एकाधिकार जमाया था और...