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मेरा सफ़र- अनभिज्ञ part- 1
subtitle - किसान की व्यथा

एक किसान बैठकर चौराहे पर अपनी व्यथा सुना रहा था की कैसे उसके घर वालों ने उसके साथ किया। जिसे वह अपनी व्यथा सुना रहा था वह एक परदेसी था यानी कि वह शहर से आया कोई नौजवान युवक था जो इस आस में आया था कि गांव में कहीं शांति मिलेगी। अरे शांति सुख सुकून वाली शांति , शांति कोई महिला नहीं है यहां।

किसान ने यह भी बताया कि कैसे उसकी फर्स्ट लगातार 3 साल बर्बाद गई एक बार तो प्रकृति रूप से बर्बाद हो चुकी थी दूसरी बार बी अच्छे नहीं थे और तीसरी बार उसके रिश्तेदारों नहीं फसल को नुकसान पहुंचा था किसान की बातें नौजवान युवक बहुत ही विनम्र भाव से सुन रहा था किस ने आगे कहना जारी रखा उसने कहा कि उसकी एक बहन है जो इसी गांव के तीन गांव छोड़कर रहती है उसका विवाह हम ज्यादा दूर नहीं कर सके। नौजवान में प्रसन्न करते हुए कहा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं। अच्छी बात है कि आपने उसका विवाह दूर नहीं किया आपसे मिल सकते हैं।
हां ये बात आपको सही लग सकती है, लेकिन हमारे गांव वाली इस बात से एतराज करते हैं दरअसल बात यह थी कि हमारी बहन एक स्कूल में...