देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह का महत्त्व, जानें क्या करें और क्या करें?
देवउठनी एकादशी को हिन्दू धर्म का वह महा पर्व जो देव प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुरूप, देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और पुन: इस सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं ।आज के दिन से सभी शुभ व मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। आज के दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रवधान है।
देवउठनी एकादशी का महत्त्व
मित्रो देवउठनी एकादशी का महत्त्व सभी एकादशियों में सबसे अधिक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा से सभी कष्ट व संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि व संपन्नता आती है।
इस दिन पूजन करने के साथ ही यह भी कामना की जाती है कि...
देवउठनी एकादशी का महत्त्व
मित्रो देवउठनी एकादशी का महत्त्व सभी एकादशियों में सबसे अधिक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा से सभी कष्ट व संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि व संपन्नता आती है।
इस दिन पूजन करने के साथ ही यह भी कामना की जाती है कि...